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कोटा

उपज तो बेच दी पर किसानों के हाथ खाली

आखिर क्या हुआ ऐसा कि किसानों के चेहरों से खुशी हो गई हवा, काट रहे चक्कर, अटक रहे हैं काम और कब तक करना पड़ेगा इंतजार?

कोटाApr 25, 2018 / 01:24 am

Anil Sharma

kota

आखिर क्या हुआ ऐसा कि किसानों के चेहरों से खुशी हो गई हवा, काट रहे चक्कर, अटक रहे हैं काम और कब तक करना पड़ेगा इंतजार?

सांगोद. सरकार ने किसानों को राहत पहुंचाने के लिए आनन-फानन में समर्थन मूल्य खरीद केन्द्र शुरू कर गेहूं, चना व सरसों की तुलाई शुरू करवा दी। साथ ही 48 घंटे में उनके बैंक खाते में भुगतान राशि पहुंचने का दावा भी कर दिया।
इससे किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई, लेकिन उनकी यह खुशी ज्यादा दिन नहीं टिकी। 20-25 दिन तो क्या एक माह बीतने के बाद भी उनके खातों में राशि जमा नहीं हुई है। किसान भुगतान के लिए बार-बार सहकारी केन्द्र के चक्कर काट रहे हैं। बेटे-बेटियों की शादी के लिए सेठ-साहूकारों से रुपए उधार लेने पड़ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि किसानों की मेहनत और फसल का उचित दाम मिले इसे लेकर केन्द्र सरकार ने समर्थन मूल्य पर पहले चना और सरसों तथा बाद में गेहूं की खरीद शुरू की थी। बाजार भाव से समर्थन मूल्य के भाव अधिक होने से किसानों में खुशी थी। सांगोद में भी राजफैड की ओर से 20 मार्च से सरसों व चने तथा 2 अपे्रल से गेहूं की खरीद शुरू की गई। केन्द्र शुरू होने के बाद से ही सरसों को छोड़ चने व गेहूं की यहां बम्पर आवक हुई। अब भी किसान यहां उपज लेकर पहुंच रहे हैं।
नहीं मिल रहा भुगतान
खरीद केन्द्र पर सरकार ने 48 घंटे में भुगतान का दावा किया। किसानों को भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में होना था, लेकिन हालत यह है कि 20-25 दिन बाद भी किसानों को बेची गई उपज का भुगतान नहीं मिल रहा। भुगतान को लेकर किसान कभी खरीद केन्द्र तो कभी अधिकारियों के पास चक्कर काट रहे हैं। केन्द्र अधिकारी भी भुगतान को लेकर जानकारी नहीं दे पा रहे हैं।
फैलाने पड़ेंगे हाथ
इन दिनों किसी को शादी-ब्याह के लिए पैसों की जरूरत है, किसी को अपना घर बनाना है।
किसी को सेठ-साहूकारों का कर्जा चुकाना है। किसानों को पैसों की जरूरत है, लेकिन भुगतान नहीं होने से कई किसान फिर सेठ-साहूकारों से कर्जा लेकर अपना काम चला रहे हैं। उनका कहना है कि समर्थन मूल्य पर उपज बेचने से तो अच्छा था बाजार में कम भाव पर ही बेच देते। कम से कम हाथ में पैसा तो होता।
अटक रहे करोड़ों
यहां 20 मार्च से शुरू हुए समर्थन मूल्य खरीद केन्द्र पर 688 किसानों की अब तक चने की 15672 क्विंटल तथा 98 किसानों की 2281 क्विटल उपज खरीदी जा चुकी है। 2 अप्रेल से शुरू हुई गेहूं की खरीद में 169 किसानों की 15496 क्विंटल उपज खरीद हुई है। इनमें चने में करीब छह सौ किसानों के लगभग सात करोड़ तथा गेहूं के डेढ़ सौ से अधिक किसानों के दो करोड़ रुपए से अधिक की राशि का भुगतान नहीं किया गया है।
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