आखिर किसकी तलाश में रणथम्भौर से कोटा खींचा चला आया यह टाइगर
वन विभाग की टीमें पिछले दो दिन से बाघ की तलाश में जुटी थी, लेकिन उन्हें कोई हलचल नहीं मिल रही थी। सोमवार शाम खेड़ली तंवरान गांव से सटे जंगल में बकरियां चराने गई महिला डोली बाई ने मृत गाय को देखा तो गांव के सेवानिवृत्त वनकर्मी बच्चू खान को सूचना दी। इसके बाद मंगलवार सुबह वनकर्मी राम विलास व रामलाल अन्य लोगों के साथ जंगल में पहुंचे। पास ही से गुजर रहे खाळ में उन्हें बाघ के पगमार्क मिले। सूचना पर सहायक वनपाल देवेंद्र सिंह सहित वनकर्मी मौके पर पहुंचे। पगमार्क के आधार पर आगे बढ़े तो शिकार स्थल पर गाय के अवशेष मिले। कुछ ही दूरी पर शिकार कर बाघ द्वारा छुपाई मृत गाय मिली। रणथभौर अभयारण्य की टीम ने बाघ द्वारा शिकार की पुष्टि की है। OMG: फसल की रखवाली कर रहा किसान को खेत पर मवेशियों ने कुचला, दर्दनाक मौत
रुकने के संकेत मिले
अलग-अलग स्थलों पर किए मल व रुकने के संकेत मिले तो वन कर्मियों ने दो दिन पहले बाघ गाय का शिकार करने की बात मानी। नाले में बाघ के आने-जाने के पगमार्क दिखाई दिए। शिकार दो बार शिकार खाकर जंगल में लौटने व कुछ स्थल पर उसके बैठे रहने के भी संकेत भी मिले।
सतर्क रहें ट्रेकिंग दल
बाघ ने गाय का शिकार किया है, उसके मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। नियमित ट्रेकिंग के साथ बाघ की सुरक्षा के लिए दलों को सतर्क रहने को कहा है।
देवेंद्र पाल सिंह, सहायक वनपाल सुल्तानपुर रेंज
रात्रि गश्त के निर्देश
शिकार करने का तरीका व मौके पर मिले पगमार्क से बाघ के खेड़ली तंवरान के जंगलों में होने की पुष्टि हो गई है। ट्रेकिंग दल के सदस्यों को गांव में ही रात्रि गश्त के निर्देश दिए हैं। साथ ही मूवमेंट क्षेत्र में न जाने के लिए लोगों की समझाइश की जा रही है।
जोधराज सिंह हाड़ा, उप वन संरक्षक कोटा रेंज
मूवमेंट पर है नजर
हाड़ौती में विचरण कर रहा यह बाघ टी-110 है। कोटा संभाग की टीमों के साथ रणथम्भौर की विशेषज्ञ ट्रेकिंग दल बाघ की मूवमेंट पर नजर रखे हुए हैं। बाघ स्थाई रूप से एक स्थान पर बसेरा नहीं बना रहा। लगातार आगे बढ़ रहा है। ऐसे में उसे एक जगह रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं।
मुकेश सैनी, उपवन संरक्षक रणथम्भौर अभयारण्य