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कोटा

देखिए, ‘आलस’ दो युवकों को कैसे उतार गया मौत के घाट, पढि़ए, ‘Time’ से जुड़ा Life का कनेक्शन

बूंदी जिले के अकता गांव में दो युवकों की जान सिर्फ इसलिए चली गई कि वे समय पर नहीं चेत पाए। पढि़ए और सबक लीजिए…

कोटाOct 12, 2019 / 11:23 am

​Zuber Khan

Two Youth Death to rabies

देखिए, ‘आलस’ दो युवकों को कैसे उतार गया मौत के घाट, पढि़ए, ‘Time’ से जुड़ा Life का कनेक्शन

तालेड़ा. बूंदी जिले के अकतासा गांव निवासी दो जनों की रेबीज बीमारी से मौत हो गई। ( Rabies ) करीब दो माह पहले पागल श्वान ने इन दोनों को काटकर जख्मी कर दिया था। ( Two Youth Dead To Rabies ) आसल कहें या लापरवाही, दोनों युवकों ने बीमारी का उपचार नहीं करवाया। इससे दोनों जान चली गई। चिकित्सा विभाग ( medical Department ) उपखंड क्षेत्र में रेबीज बीमारी से मौत होने का यह पहला मामला मान रहा है। समय पर नहीं चेतने से दो परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
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जानकारी के अनुसार अकतासा में दो माह पहले एक पागल श्वान ने सोनू जांगिड़ (30), मदन सैनी (40) और खुराड़ निवासी छीतरलाल मीणा (65) को जख्मी कर दिया था। उस समय सोनू व मदन ने कोई उपचार नहीं कराया, जिससे बीमारी घातक हो गई। गत दिनों अचानक सोनू व मदन की तबीयत खराब हो गई। परिजनों दोनों को गत दिनों जयपुर के अस्पताल में ले गए। वहां पर उपचार के दौरान सोनू की तबीयत में सुधार नहीं होने पर परिजन चार दिन पहले उसे गांव ले रहे थे, लेकिन रास्ते में उसका दम टूट गया। वहीं मदन की भी गुरुवार रात को उपचार के दौरान जयपुर के अस्पताल मौत हो गई। श्वान के शिकार खुराड़ निवासी छीतरलाल ने उसी समय रेबीज के इंजेक्शन लगवाकर अपना उपचार करवा लिया था। इससे उसकी जान बच गई। छीतरलाल ने बताया कि पागल श्वान के आंतक को देखते हुए उसने घटना के कुछ दिनों बाद उसे मार दिया था।
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अकतासा में रेबीज से दो जनों की मौत का मामला सामने आया है। इस मामले में दोनों जनों ने समय पर उपचार नहीं लिया, जिससे दोनों की जान चली गई। पागल श्वान के काटने पर यदि समय पर इंजेक्शन व इलाज नहीं लिया तो पीडि़त व्यक्ति की मौत निश्चित है। घटना के बाद ही तुरंत इलाज करवाना अति आवश्यक है।
डॉ. पीसी मालव, चिकित्सक, राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तालेड़ा
अकतासा गांव में रेबीज से दो जनों की मौत होने की जानकारी मिली है। इसके बाद गांव में चिकित्सा टीम भेजकर परिजनों व आसपास रहने लोगों के रेबीज के इंजेक्शन लगाए गए हैं। उपखंड क्षेत्र में रेबीज से मरने का संभवतया यह पहला मामला है।
मोहनलाल वर्मा, ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी तालेड़ा
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और बढ़ती चली गई बीमारी
मृतक सोनू के भाई जीतू जांगिड़ ने बताया कि घटना के बाद किसी की प्रकार की बीमारी का अहसास नहीं हुआ। इसके चलते भाई ने उपचार नहीं करवाया। करीब एक सप्ताह पहले उसका भाई सोनू कोटा किसी काम से गया था। वहां अचानक उसके पैर में तेज दर्द हुआ। उसका कोटा के अस्पताल में उपचार करवाया, लेकिन बीमारी बढ़ती चली गई। बाद में उसे जयपुर के अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां भी चिकित्सकों ने जवाब दे दिया और उसकी मौत हो गई।

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