परिवार के सभी सदस्य इस अवसर पर वहां मौजूद थे। तभी वहां पीडि़ता की मां के बुआ सास का लड़का (चाचा)शराब के नशे में पीडि़ता को टिफिन देने के बहाने भीड़ में से बुलाकर उसके कमरे पर ले गया और उसने बलात्कार किया। घटना के बाद पीडि़ता ने सारी घटना की जानकारी अपने पिता को दी। जिस पर महावीर नगर थाना का मामला दर्ज कराया गया।
इस मामले में 11 गवाहों के बयान बयान दर्ज किए गए। घटना को जीवन भर नहीं भूलेगी पीडि़ता – इस मामले पर विशेष टिप्पणी करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि निश्चित रूप से घटना पीडि़ता के मानस पटल को जीवन पर्यन्त प्रभावित करेगी। अभियुक्त द्वारा घटना के पश्चात लंबी अवधि तक अन्वीक्षा से बचने के उद्देश्य से भाग जाना अभियुक्त की आपराधिक मनोवृत्ति को प्रकट करता है।
न्यायालय ने इस संबंध में अभियुक्त को 10 साल के कठोर कारावास व 5 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है। वीसी से बहस और सजा -कोरोना के चलते न्यायालय में इस मामले में आरोपी को नहीं लाया गया। बचाव पक्ष की ओर से भी अधिवक्ता की ओर से वीसी से पैरवी की गई। इस मामले में वीसी से सुनवाई के आधार पर ही आरोपी को दंडित किया।