माहेश्वरी ने लिखा कि कोचिंग सिटी कोटा में देशभर से बड़ी संख्या में विद्यार्थी
इंजीनियरिंग व
मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, अधिकांश विद्यार्थी बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ से हैं। कोटा के कोचिंग संस्थानों में दीपावली की सबसे बड़ी सात दिन की छुट्टियां होती हैं। ऐसे में ज्यादातर विद्यार्थी घर लौटते हैं और कुछ समय परिवार के साथ बिताते हैं।
घर जाने के इच्छुक इन विद्यार्थियों के सामने इस समय सबसे बड़ी चुनौती आने-जाने के लिए संसाधन की उपलब्धता है। घर जाने के लिए सबसे बड़ा साधन रेलवे है, जिसमें विद्यार्थियों को सीट उपलब्ध नहीं हो रही है। कोटा से जयपुर, पटना, लखनऊ, ग्वालियर, जबलपुर, समेत उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश के अन्य क्षेत्रों के लिए ट्रेनों में नो रूम की स्थिति आ रही है।
कई ट्रेनों में वेटिंग इतनी अधिक आ रही है कि विद्यार्थियों को लग रहा है कि सीट नहीं मिल सकेगी और वो घर नहीं जा सकेंगे। माहेश्वरी ने पत्र के जरिए मांग की कि विद्यार्थी अपने परिवार के साथ खुशियां मना सकें, इसके लिए रेलवे को कुछ विशेष व्यवस्थाएं करनी चाहिए। कोचिंग संस्थानों की मांग है कि कोटा से ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाए जाएं। यही नहीं पटना व लखनऊ जैसे कुछ शहरों के लिए हॉलीडे स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जाए, जिससे विद्यार्थियों को राहत मिल सके।