15 हजार किसान इसका संकल्प ले चुके हैं कि जब तक गांव में लिफ्ट परियोजना नहीं आती तब तक किसी भी विधानसभा, लोकसभा व पंचायत चुनावों में वोट नहीं देंगे, न ही किसी नेता को गांव में घुसने देंगे। वहीं गांव-गांव अलख जगा रहे हैं कि जब तक लिफ्ट की घोषणा नहीं हो जाती, समयावधि तय नहीं हो जाती, बजट का प्रावधान नहीं हो जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
लिफ्ट के लिए बीजेपी, कांग्रेसी हुए एक
चौमा मालियान, भाण्डाहेड़ा, रेलगांव व कुराड पंचायत में करीब 20 हजार लोग हैं, जिसमें अधिकांश वोटर भाजपा व कांग्रेस को सपोर्ट करते हैं। यहां से कांग्रेस से भरत सिंह भी विधायक व मंत्री रहे और वर्तमान में हीरालाल नागर भाजपा से विधायक हैं।
चारों पंचायत में लिफ्ट की मांग को लेकर भाजपा व कांग्रेस कार्यकर्ता व पदाधिकारी तक एक स्वर में स्वर मिला रहे हैं। पार्टी कार्यक्रमों का बहिष्कार कर रखा है। पार्टी की बैठकों में नहीं जा रहे, वहीं अपने पद तक छोड़ रहे हैं। संघर्ष समिति द्वारा गांवों में बैनर पोस्टर लगाने की शुरुआत की जा रही है। गांवों की चौपहिया व दो पहिया गाडिय़ों पर स्टीकर लगाए जा रहे हैं कि जब तक लिफ्ट नहीं वोट नहीं दिया जाएगा।
इन लोगों को दे चुके अब तक ज्ञापन
संघर्ष समिति द्वारा अब तक कोटा बूंदी लोकसभा सांसद ओम बिरला, सांगोद विधायक हीरालाल नागर, संभागीय आयुक्त व जिला कलक्टर के नाम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व कई मंत्रियों को ज्ञापन दे चुके हैं। प्रदर्शन व रैली निकाल चुके हैं।