फिटनेस में फर्जीवाड़ा
नगर निगम में खस्ताहाल में पड़ी एक मध्यम आकार की नाव व दो किश्तियों की फिटनेस आरटीओ के निरीक्षक ने बिना देखे ही जारी कर दी, जबकि ये पानी में उतारने लायक भी नहीं हैं। आरटीओ ने इन कण्डम नावों की फिटनेस का प्रमाण-पत्र 8 और 9 सितम्बर को जारी किया। जिसकी वैद्यता 8 सितम्बर 2020 तक है।
निगम के पास 4 नावें
नगर निगम के अग्निशमन एवं आपादा प्रबंधन विभाग के पास 4 नावें है। ह्यूमन हैल्प लाइन ने एक बड़ी नाव 2017 में निगम को दी थी। निगम की तीन नावों में एक मध्यम आकार की नाव व दो किश्तियां दो साल से खराब पड़ी हैं। इन तीनों में लगी लकड़ी व लोहे की फ्रेम पूरी तरह गल गई है। एल्यूमिनियम की इन नावों में छेद और दरारें हैं। ये पिछले दो साल से अग्निशमन केन्द्र की छत पर रखी हैं। दान से मिली बड़ी नाव का पैंदा भी ऊपर की ओर उठ गया तथा उसमें छेद हो गए। बाढ़ के दौरान इस नाव के छेदों को एमसील से बंद कर राहत कार्य किया गया।
नियमानुसार दिया सर्टिफिकेट
परिवहन विभाग नावों का फिटनेस प्रमाण-पत्र राज्य सरकार द्वारा गठित कमेटी (लेवल अधिकारी) की टेक्निकल रिपोर्ट पर जारी करता है। कमेटी में लेवल अधिकारी (रिटायर्ड नेवी अधिकारी) जीएस निमोरिया है। निगम की इन तीनों नावों की लेवल अधिकारी द्वारा दी गई फिटनेस रिपोर्ट के आधार पर प्रमाण-पत्र जारी किया गया है। लेवल अधिकारी ने नावों की जांच की या नहीं इसके बारे में कुछ नहीं कह सकता। अगर नगर निगम अधिकारियों ने फर्जी तरीके से फिटनेस प्रमाण-पत्र बनवाया है तो इसकी जांच कर इसे निरस्त कर दिया जाएगा।
रजनीश विद्यार्थी, आरटीओ निरीक्षक
लेवल अधिकारी ने दी फर्जी रिपोर्ट
नगर निगम की चारों नावों में से तीन पूरी तरह से कण्डम स्थिति में हैं। इन्हें दुरुस्त कराने के लिए पिछले दो साल में निगम अधिकारियों से कई बार कहा, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। नोटशीट में भी इन्हें ठीक करवाने की बात लिखी गई है। लेवल अधिकारी ने बिना नावों की स्थिति देखे टेक्निकल रूप से फिटनेस रिपोर्ट दी है। इसके लिए लेवल अधिकारी दोषी है, साथ ही वे अधिकारी भी दोषी हैं जो नावों की कण्डम स्थिति के बारे में जानते हुए भी फिटनेस प्रमाण-पत्र लेने पहुंच गए। मामले में शामिल सभी दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
अतुल कौशल, अध्यक्ष, अग्निशमन व आपदा प्रबंधन, नगर निगम