साजीदेहड़ा निवासी नफ ीस ने बताया कि उनकी मां को बुखार की शिकायत थी। उनकी पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी, लेकिन उनकी 22 मई को मौत हो गई। प्रशासन ने ही अंतिम संस्कार की कार्रवाई की। परिजनों को शक्ल तक नहीं दिखाई गई। 30 मई को अस्पताल से उन्हें फोन आया कि तुम्हारा मरीज ठीक हो गया है, वह कहां है। उसे संदेह हुआ। उसने खुद आज अस्पताल पहुंचकर जानकारी ली। उस समय भी स्टाफ ने कहा कि आपका मरीज नहीं मिल रहा। उसने कहा कि मैंने तो मां को अस्पताल में भर्ती करवाया था। जब डॉक्टर्स से बात हुई तो डॉक्टर्स ने बताया कि अकीला की तो 28 को मृत्यु हो चुकी है। नफीस ने बताया कि मौत के बाद उसकी मां का चेहरा तक नहीं देखा। हमें डेथ सर्टिफिकेट तक नहीं दिया। अस्पताल में आज खुद स्टाफ ने उसने लिखवाया है। अब डेथ सर्टिफिकेट देने की बात कही है।
-इनका कहना है भामाशाह काउंटर पर डिस्चार्ज मरीज शो होता है, लेकिन मृतका अकीला का काउंटर पर डिस्चार्ज शो नहीं हुआ। इस कारण काउंटर कर्मी ने मरीज कन्फर्म करने के लिए फोन कर दिया। उसे महिला की मौत का कारण पता नहीं था। – डॉ. सीएस सुशील, अधीक्षक, नए अस्पताल