पिछले बजट में कोटा संभाग से जुड़ी घोषणा की क्रियान्विति को लेकर पत्रिका टीम ने विश्लेषण किया तो पाया कि ज्यादातर घोषणाओं का जनता को अभी तक कोई लाभ नहीं मिला है। केवल सालभर से कागजों में दौड़ रही है।
घोषणाएं :
1. लोगों को ई मित्र पर ही सारी सुविधाएं देने के लिए जिले में ई-मित्र प्लस मशीनें लगाई जानी थी।
हकीकत : सूचना एवं प्रौद्योगिक विभाग ने कोटा शहर में करीब 30 ई- मित्र प्लस मशीनें लगा दी है, लेकिन संचालन नहीं किया गया है। इस कारण अनुपयोगी पड़ी है। लाखों की मशीनें धूल खा रही है।
2. ग्राम सेवा सहकारी समितियों और क्रय-विक्रय सहकारी समितियों में भण्डारण के लिए गोदाम बनाने की घोषणा हुई थी। हकीकत : कोटा जिले पिछले एक साल में किसी भी सहकारी समिति में गोदाम का निर्माण नहीं हुआ है। प्रस्ताव बनाए गए थे, लेकिन लम्बित है।
3. कोटा में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाना था। इसकी घोषणा की थी। हकीकत : रीको ने रानपुर में पिछले एक दशक से प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र को ही नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित करना दर्शा दिया है। और औद्योगिक भूखण्डों के आवंटन की अब तैयारी चल रही है।
4. बजट में मोहल्ला क्लिनिक खोलने की घोषणा की थी, ताकि लोगों को अपने मोहल्ले में ही चिकित्सा सुविधा मिल सके। हकीकत : कोटा संभाग में अभी तक मोहल्ला क्लिनिक शुरू नहीं हो पाए हैं। अब इसके प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं।
–5. प्रत्येक पंचायत समिति में नंदी शाला खोली जानी थी। ताकि आवारा मवेशियों की समस्या से निजात मिल सके।हकीकत : कोटा जिले में किसी भी पंचायत समिति मुख्यालय पर नंदी शाला शुरू नहीं हो पाई है। कोटा निगम ने तो बजट स्वीकृत होने के बाद भी गोशाला का निर्माण नहीं किया है। शहर की जनता आवारा मवेशियों का दंश झेल रही है।
6. गोड़ावण के प्रभावी संरक्षण की योजना की घोषण की थी। हकीकत : इस योजना में कोटा को भी शामिल किया गया है। लेकिन गोड़ावण संरक्षण की दिशा में पिछले एक साल में कोई काम नहीं हुआ है।
7. सौ अग्निशमन वाहन 26 करोड़ की लागत से खरीदने की घोषणा की थी। हकीकत : कोटा नगर निगम ने पिछले एक साल में अग्निशमन से संबंधित वाहन नहीं खरीदे गए हैं। अब दस करोड़ की लागत से अग्निशमन यंत्र खरीदे जाएंगे।
8. चम्बल रिवर फ्रंट के लिए डीपीआर बनाई जाएगी हकीकत : नगर विकास न्यास की ओर से सात सौ करोड़ की लागत से चम्बल रिवर फ्रंट विकसित किया जाएगा। इसके लिए डीपीआर तैयार की जा रही है।