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कोटा

अतिवृष्टि से पैदावार कम, भाव में तेजी से निहाल

कई किसानों को पहुंच रहा फायदा, स्टॉक रखने वाले व्यापारियों की भी बल्ले-बल्ले….

कोटाNov 15, 2019 / 11:02 pm

Anil Sharma

ramganjmandi, kota

udad

रामगंजमंडी. उड़द का कारोबार व्यापारियों व किसानों को कभी खुशी तो कभी गम देता रहा है। किसानों पर प्राकृतिक आपदा के कारण वज्रपात होता है तो व्यापारी उड़द का स्टॉक ज्यादा समय तक सुरक्षित नहीं रख सकते। इसमें कीड़े लगने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में व्यापारी उड़द की तेजी देखकर इसे बेच देते हैं। इस बार अतिवृष्टि के कारण उड़द की पैदावार भले ही कम हुई हो लेकिन करीब डेढ़ माह से भावों में आई तेजी से कई किसानों को उड़द फायदा पहुंचा रहा है। जिन व्यापारियों के पास स्टॉक था, उनके भी वारे-न्यारे हुए हैं।
जानकारी के अनुसार रामगंजमंडी क्षेत्र में उड़द की बुवाई का रकबा प्रति वर्ष घटता-बढ़ता रहता है। अपर्याप्त वर्षा होने पर इसका रकबा बढ़ जाता है तो अतिवृष्टि होने पर रकबा घट जाता है। वर्ष 18 में बारिश कम हुई तो किसानों ने उड़द की बुवाई ज्यादा की। किसान खेतों में उड़द की फसल को देखकर आशान्वित हुए और उड़द के भाव 3500 रुपए क्विंटल मंडी में बने रहने से उन्होंने कई सपने देखे।
बारिश ने फेरा पानी

किसानों के इन अरमानों पर अगस्त माह में निरन्तर हुई बारिश ने पानी फेर दिया। लगातार बारिश होने से सबसे ज्यादा उड़द की जिंस प्रभावित हुई। मंडी में इन दिनों हो रही आवक के दौरान भी यह देखने को मिल रही है। यहां मंडी में प्रतिदिन तीन सौ से चार सौ बोरी उड़द की आवक बनी हुई है। मंडी में आने वाला ज्यादातर उड़द मिट्टी व दागी है।
कम उत्पादन से भावों में तेजी

उड़द की फसल का उत्पादन प्रभावित होने से इसके भावों में रंगत आ गई। अच्छी किस्म के उड़द का भाव मंडियों में 6500 रुपए क्विंटल तक बना हुआ है। नीचे में मिट्टी मिक्स उड़द 2500 रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रह है। मिडियम उड़द दागी के भाव 2800 से 4000 रुपए तक बोले जा रहे हैं। अच्छी किस्म के उड़द का भाव 5000 से 6500 रुपए तक आ पहुंचा है।
दो वर्ष पूर्व हुई सर्वाधिक आवक

वर्ष 17 में मंडी में उड़द 1 लाख 31 हजार क्विंटल आया था। वर्ष 18 में यह आवक घटकर 87 हजार 45 क्विंटल रह गई। मंडी में जब उड़द की आवक हुई तो इसके भाव शुरुआती दौर में सीजन के समय 2500 से 4100 रुपए क्विंटल रहे। इसके बाद उड़द में तेजी आई। उड़द 5200 रुपए तक क्विंटल तक आया तो व्यापारियों ने तेजी में अपनी जिंस बेची। उड़द के भावों में फिर घटत का सिलसिला शुरू हुआ जो नए उड़द आने से पहले तक 3500 रुपए तक लंबे समय से टिका रहा। उड़द का कारोबार करने वाले व्यापारियों को खरीदी जिंस का भाव नहीं मिलने से बैचेनी बढ़ गई तो इस बीच प्राकृतिक प्रकोप से उड़द की पैदावार प्रभावित होने से इस जिंस के भाव में तेजी आ गई। इसके बाद व्यापारियों ने ज्यादा तेजी का इंतजार किए बिना स्टाक साफ कर दिया। कुछ व्यापारियों ने हिम्मत दिखाई तो उनको उड़द की तेजी का लाभ मिल रहा है।
स्टाक वाले माल की क्वालिटी अच्छी
गत वर्ष अच्छी किस्म का उड़द मंडी में बिकने आया था। इस बार ऐसे उड़द पूरे सीजन में दिखाई नहीं दे रहे। अच्छे उड़द की मांग अभी बनी हुई है। स्टाक नहीं होने से उड़द में तेजी का सर्किट जारी है।

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