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कुचामन शहर

शौक के लिए नृत्य सीखकर अपनाया तो बन गए कलाकार

संगीत सदन में अब नौनिहाल बच्चे सीख रहे है नृत्यकत्थक, कालबेलिया, चकरी सहित अन्य लोकनृत्य सीख रहे हैं बच्चे

कुचामन शहरApr 29, 2019 / 06:53 pm

Hemant Joshi

world dancing day

Artist made by learning dance for hobby

कुचामनसिटी.

नृत्य एक ऐसी कला है, जिसमें मानवीय अभिव्यक्ति को रसमय बनाकर प्रस्तुत किया जा सकता है। नृत्य एक सम्पूर्ण शारीरिक व्यायाम होने के साथ ही भावाभिव्यक्ति भी है। जो चेहरे की भावभंगीमा के साथ शरीर के सभी अंगो से प्रदर्शित की जा सकती है।
प्रदेश में कालबेलिया नृत्य, चकरी नृत्य, भंवई, घूमर सहित कत्थक भी पारंपरिक नृत्य रहे है जो अब नए कल्चर में रंग गए है। हमारे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में आज भी पाश्चात्य कल्चर के साथ पारंपरिक नृत्यों की अलग पहचान है। क्षेत्र के कई कलाकारों से पत्रिका ने वल्र्ड डांस की पूर्व संध्या पर चर्चा की तो सामने आया कि बचपन में शौक के लिए नृत्य सीखा जो बाद में उनके जीवन का अभिन्न अंग बन गया। इस शौक को अपना कर कई छात्र-छात्राएं सिनेमा के छोटे व बड़े पर्दे के कलाकार भी बन गए है।
पायल अग्रवाल-

शहर की पायल अग्रवाल पिछले 4 साल से जयपुर में नृत्य के क्षेत्र में कार्य कर रही है। अग्रवाल ने कुचामन के संगीत सदन से नृत्य की शिक्षा प्राप्त की। कत्थक नृत्य सीखने के बाद पायल कुचामन कॉलेज से संभाग स्तर पर इस नृत्य में प्रथम रही। इस नृत्य के सहारे ही पायल ने राजस्थानी फिल्म बाल-गोपाल सहित टीवी सीरियल में भी अपना किरदार निभाया। अब पायल जयपुर रहकर इवेंट डांसिंग सीखा रही है। पायल ने डांस को अपना हुनर बनाकर अब इसे रोजगार भी बना लिया।
गुंजन अग्रवाल

शहर की गुंजन अग्रवाल ने करीब 8 साल पहले संगीत सदन में कत्थक नृत्य सीखा और गुंजन ने इस नृत्य को अपना जीवन बना लिया। गुंजन ने कई कार्यक्रमों में अपना नृत्य प्रस्तुत किया। वह लगातार पिछले 8 सालों से लगातार नृत्य करने के साथ ही अब शहर के बच्चों को भी कत्थक का प्रशिक्षण दे रही है।
आरती सर्वा

आरती सर्वा ने मशहूर मारवाड़ी नृत्य कलाकार गुलाबो के बाद कालबेलिया व मारवाड़ी नृत्यों में अपनी कला की कुचामन से शुरुआत करने के बाद जिला और राज्य स्तर पर प्रदर्शन किया। सर्वा तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और अभिनेत्री हेमा मालिनी के हाथों सम्मानित हुई। नृत्य के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त करने के बाद बड़े पर्दे की फिल्म द्रोणा में अभिषेक बच्चन के साथ जया बच्चन का डूप्लीकेट रोल किया। अब आरती अपनी बेटी सहित अन्य बच्चों को भी नृत्य की कला से रुबरु करवा रही है।
असराज

कुचामन का असराज, करीब दस साल पहले डांस सीखा। डांस सीखने के बाद असराज ने कई ऑडिशन्स में भाग लिया और इसके बाद असराज को बड़े पर्दे पर कार्य करने का मौका मिल गया। असराज ने हाल ही में अक्षयकुमार अभिनीत केसरी और हाउसफुल 4 में डांस किया है।
इन्होंने भी नृत्य को अपनाया-

शहर की उर्मिला सारवान, सुप्रिया अग्रवाल, ममता सेन, कविता जांगिड़, आंचल कांसोटिया, आदित्य कंसोटिया, प्रीति शर्मा, सुषमा कुमावत, शिवांगीसिंह ने नृत्य सीखकर इसे अपने जीवन में उतारा। यह कलाकार वर्तमान में डांसिंग के क्षेत्र में ही कार्य कर रहे है।
संगीत सदन में तैयार हुए कई कलाकार

शहर में नगरपालिका कार्यालय के पीछे संचालित संगीत सदन ने शहर के 40 से अधिक बालक-बालिकाओं को नृत्य और संगीत की शिक्षा दी है। जिसके कलाकार अब दूसरे बड़े शहरों में अपनी कला का प्रदर्शन भी कर रहे है। संगीत सदन का संचालन 22 सालों से किया जा रहा है। संत मोतीराम मनलहरी के संकल्प से कुचामन में संगीत सदन की शुरुआत हुई थी। कत्थक गुरु सुबोध नटराज, विनोद आचार्य, किशोर कत्थक ने इन बच्चों को नृत्य की शिक्षा दी। गौरतलब है कि नागौर जिले में सबसे ज्यादा कथक की शिक्षार्थी कुचामन में है। इस वर्ष युवा महोत्सव में गुंजन अग्रवाल ने नृत्य में जिला स्तर पर प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया था ।
इनका कहना-

संगीत सदन में संगीत व नृत्य की शिक्षा दी जा रही है। जिससे छात्र-छात्राएं नृत्य के क्षेत्र में आगे बढे है। वर्तमान में भी संगीत सदन में नृत्य की कक्षाएं चल रही है। जिसमें बच्चे बढचढ कर हिस्सा ले रहे है।
नटवरलाल बक्ता
अध्यक्ष, संगीत सदन

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