यह है पात्रता
विभाग की ओर से फव्वारा उपकरणों के लिए पात्रता निर्धारित की गई है। जानकारी के अनुसार अनुदान दस हजार प्रति हैक्टेयर पर उपलब्ध करवाया जाता है। क्षेत्र में पानी घटने से फव्वारा सिंचाई उपकरण अधिकतर किसानों के पास हो गए हैं। पहले किसान ७५ एमएम की पाइप लाइन लेते थे, लेकिन अब पानी घटने से ६३ एमएम की पाइप लाइन की ही ज्यादा मांग है।
विभाग की ओर से फव्वारा उपकरणों के लिए पात्रता निर्धारित की गई है। जानकारी के अनुसार अनुदान दस हजार प्रति हैक्टेयर पर उपलब्ध करवाया जाता है। क्षेत्र में पानी घटने से फव्वारा सिंचाई उपकरण अधिकतर किसानों के पास हो गए हैं। पहले किसान ७५ एमएम की पाइप लाइन लेते थे, लेकिन अब पानी घटने से ६३ एमएम की पाइप लाइन की ही ज्यादा मांग है।
लक्ष्य नहीं हुए प्राप्त
विभाग के सूत्रों के मुताबिक फव्वारा सिंचाई पद्धति उपकरण के लक्ष्य अभी प्राप्त नहीं हुए हैं। लक्ष्य प्राप्त होते हैं किसान सब्सिडी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। ऑनलाइन आवेदन कृषि विभाग के पास पहुंचने पर उनको सब्सिडी का निर्धारण किया जाता है। हालांकि जल्द ही लक्ष्य प्राप्त हो सकते हैं।
विभाग के सूत्रों के मुताबिक फव्वारा सिंचाई पद्धति उपकरण के लक्ष्य अभी प्राप्त नहीं हुए हैं। लक्ष्य प्राप्त होते हैं किसान सब्सिडी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। ऑनलाइन आवेदन कृषि विभाग के पास पहुंचने पर उनको सब्सिडी का निर्धारण किया जाता है। हालांकि जल्द ही लक्ष्य प्राप्त हो सकते हैं।
इनका कहना है
किसानों को फव्वारा सिंचाई उपकरणों पर अनुदान मिलता है। किसानों के लिए यह पद्धति काफी उपयोगी है। अधिक से अधिक किसान इस तकनीक को अपनाएं। हालांकि कुचामन क्षेत्र में पानी की कमी जरूर चिंताजनक है।
– रेखा कुमावत, सहायक निदेशक, कृषि विभाग, कुचामनसिटी
किसानों को फव्वारा सिंचाई उपकरणों पर अनुदान मिलता है। किसानों के लिए यह पद्धति काफी उपयोगी है। अधिक से अधिक किसान इस तकनीक को अपनाएं। हालांकि कुचामन क्षेत्र में पानी की कमी जरूर चिंताजनक है।
– रेखा कुमावत, सहायक निदेशक, कृषि विभाग, कुचामनसिटी