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कुचामन शहर

फिर से संवर सकता है प्रेरकों का भविष्य

निदेशालय ने मांगे नए प्रोग्राम के लिए सुझाव, मार्च 2018 से बेरोजगार बैठे हैं महात्मा गांधी वाचनालय के प्रेरक, जल्द हो सकता है सुझावों पर अमल

कुचामन शहरJan 09, 2019 / 12:15 pm

Kamlesh Kumar Meena

Challenges made for Education Department looking for subject experts

Challenges made for Education Department looking for subject experts

कुचामनसिटी. राजस्थान साक्षरता एवं सतत शिक्षा विभाग में कार्यरत प्रेरकों का फिर से भविष्य संवर सकता है। जी हां सरकार ने प्रेरकों के लिए नया कार्यक्रम शुरू करने के लिए ब्लॉक साक्षरता समन्वयकों से सुझाव मांगे हैं। इन सुझावों को नागौर साक्षरता विभाग कार्यालय में भिजवाया भी जा चुका है और वहां से साक्षरता एवं सतत शिक्षा विभाग निदेशालय जयपुर भी भिजवाए जा चुके हैं। यहां जयपुर में जिला साक्षरता एवं सतत शिक्षा अधिकारियों की राज्य स्तरीय बैठक हुई, जिसमें साक्षरता समन्वयकों की ओर से भिजवाए गए सुझाव बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही जिन-जिन जिलों से सुझाव आए, उनके 30 बिंदू बनाए गए। साथ बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन बिन्दुओं को मद्देनजर रखते हुए अधिकारी अपने जिले की कार्ययोजना बनाए। कुचामन ब्लॉक साक्षरता समन्वयक चम्पालाल कुमावत की ओर से भिजवाए गए महत्वपूर्ण सुझावों को भी राज्य स्तरीय प्लान में शामिल किया गया। साक्षरता विभाग के अधिकारियों के अनुसार नागौर कार्यालय की ओर से सुझाव मांगे गए थे। यह सुझाव नए प्रोग्राम के लिए मांगे गए थे। इनमें अब तक जो प्रोग्राम हुए थे, उनसे जो अनुभव मिले तथा साक्षरता कार्यक्रम को और बेहतर कैसे किया जा सकता है के संबंध में सुझाव मंागे गए। पहले प्रस्तावों को कुचामनसिटी कार्यालय से नागौर कार्यालय भिजवाया गया। इसके बाद प्रस्ताव जयपुर मुख्यालय भिजवाए गए। गौरतलब है कि पूर्व में मार्च 2017 तक प्रेरकों का अनुबंध था। बाद में सितम्बर 17 तक तथा इसके बाद दिसम्बर 17 तक कार्यकाल बढ़ा गया। इसके बाद 25 मार्च 2018 को साक्षरता परीक्षा आयोजित की गई। बाद में 31 मार्च को ही वापस कार्यकाल खत्म हो गया। इसके बाद से सारी गतिविधियां बंद पड़ी है। लोक शिक्षा केन्द्रों पर ताले लगे हुए हैं।
जुलाई में पीईईओ को बनाया प्रभारी
जुलाई 2018 में अनुबंध समाप्त होने के बाद पीईईओ को प्रभारी बनाया गया। साथ ही ग्राम पंचायत के पास जो रिकॉर्ड सामग्री है, उनको व्यवस्थित करने और भौतिक सत्यापन का कार्य उन्हें सौंपा गया। लेकिन अब वापस खबर आ रही है कि जयपुर से आदेश जारी हो गए कि पे्ररकों के जिम्मे सामग्री व रिकॉर्ड को वापस पीईईओ को दिया जाए। हालांकि अभी यह आदेश ब्लॉक साक्षरता समन्वयकों के पास नहीं पहुंचे हैं।
इनका कहना है
पूर्व में साक्षरता एवं सतत शिक्षा विभाग निदेशालय की ओर से साक्षरता कार्यक्रम को बेहतर बनाने के संबंध में सुझाव मांगे गए थे। मुख्यालय पर इन सुझावों पर विस्तृत मंथन किया गया। अब जल्द ही कोई रास्ता निकलने की उम्मीद है। मार्च 2018 में प्रेरकों का कार्यकाल खत्म हो गया था।
– चम्पालाल कुमावत, ब्लॉक साक्षरता समन्वयक, साक्षरता एवं सतत शिक्षा विभाग, कुचामनसिटी

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