scriptफर्जी नम्बर प्लेट और फर्जी परमिट की गाड़ी अमरनाथ जाकर लौटी | Fake number plate and fake permit vehicle returned to Amarnath | Patrika News
कुचामन शहर

फर्जी नम्बर प्लेट और फर्जी परमिट की गाड़ी अमरनाथ जाकर लौटी

हेमन्त जोशी. कुचामनसिटी.
अमरनाथ यात्रा के लिए अजमेर से 7 जुलाई को रवाना हुई बस 48 यात्रियों को लेकर फर्जी दस्तावेज व फर्जी नम्बर प्लेट लगाकर राजस्थान के विभिन्न जिलों से पंजाब, हिमाचल और जम्मु कश्मीर और अमरनाथ जाकर वापस भी लौट आई। कहीं पर भी इस बस की कोई जांच नहीं हुई और आखिरकार कुचामन में परिवहन विभाग को शिकायत मिलने पर बस को पकड़ा गया।

कुचामन शहरJul 20, 2019 / 01:25 pm

Hemant Joshi

Fake number plate and fake permit vehicle returned to Amarnath

Fake number plate and fake permit vehicle returned to Amarnath

जिस बस को पकड़ा गया था उस बस पर करीब 7 लाख रुपए का टैक्स बकाया गया था और बस का फिटनस भी नहीं था।
परिवहन विभाग डीडवाना के नावां निरीक्षक मनोज सिंघल को गुरुवार शाम को एक अज्ञात व्यक्ति की ओर से दूरभाष पर शिकायत मिली की एक फर्जी नम्बर प्लेट की बस अमरनाथ से लौट रही है। इस पर निरीक्षक सिंघल ने कुचामन बाईपास पहुंच कर वाहनों की जांच शुरु की। अमरनाथ से लौट रही बस के कागजात की जांच की गई तो बस चालक की ओर से पेश किए गए कागजात दूसरी बस के मिले। बस के चेचिस नम्बर सहित अन्य जगहों की जांच की गई तो पूरा मामला सामने आ गया। इस मामले में बस को जब्त कर लिया गया और टैक्स वसूली के लिए बस को पुलिस थाना कुचामन में खड़ा किया गया।
कैसे लिया परमिट और कैसे बदले नम्बर-

परिवहन विभाग के अनुसार गाड़ी संख्या आरजे 27 पीबी 7171, जो परिवहन विभाग के रिकॉर्ड में जयसिंह के नाम है। यह बस 7 जुलाई को अजमेर से अमरनाथ के लिए रवाना हुई थी। जो 18 जुलाई की रात को कुचामन पहुंची थी। इस बस का 2015 से टैक्स बाकी होने के चलते एक दूसरी बस की नंबर प्लेट संख्या आरजे 42 पीए 0290 की प्लेट लगाने के साथ ही इसी नम्बर की बस से परमिट बनवा कर बस अमरनाथ भेज दी। अमरनाथ गई बस में सवार एक यात्री की अमरनाथ में मौत हो गईए जिसके चलते 20 जुलाई को आने वाली बस 2 दिन पहले ही वापस आ गई। बस चालक ने राजस्थान में प्रवेश करने के बाद भी राजस्थान की परमिशन नही ली। जिस बस के फर्जी कागज बनाकर इस बस में भेजे गए थे वह बस किशनगढ निवासी इमरान खान से नाम है। परिवहन निरीक्षक मनोज सिंघल ने बताया कि विभागीय कार्रवाई के दौरान बस के चालक ने भी 0290 नम्बर की बस के ही कागजात पेश किए थे।
किसी भी राज्य में नहीं हुई जांच

फर्जी नम्बर प्लेट व फर्जी परमिट के आधार पर बस राजस्थान सहित पंजाब, हिमाचल प्रदेश व जम्मू कश्मीर जाकर वापस लौट गई लेकिन बड़ा सवाल यह है कि यदि इस बस का अमरनाथ की घाटियों का हादसा हो जाता या कोई दुर्घटना हो जाती है तो उसका जिम्मेदार कौन होता? जब ऐसे ही फर्जी दस्तावेजों से बसों का संचालन होता है तो फिर अमरनाथ की घाटियों की सुरक्षा व्यवस्था किसके जिम्मे हैं? क्यों बस की किसी भी राज्य में पूरी फिटनस जांच नहीं हुई? ऐसे कई सवालिया निशान है जो परिवहन विभाग सहित प्रदेश सहित अन्य राज्यों की पुलिस पर लग रहे हैं।
इनका कहना-
हमें तो दूरभाष पर इसकी शिकायत मिली थी, जिस पर बस को रुकवा कर जांच की गई। जांच में नम्बर प्लेट और परमिट दूसरी बस का मिला। बस को जब्त कर लिया गया है।
मनोज सिंघल
परिवहन निरीक्षक, नावां
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो