कुचामनसिटी. क्षेत्र के पशुधन में बांझपन की बीमारी बढ़ रही है। पशुपालन विभाग भी इस बीमारी पर पूर्ण रूप से अंकुश नहीं लगा पा रहा है। हालांकि विभाग की ओर से बांझपन निवारण के लिए चिकित्सा शिविर लगाए जा रहे हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। जानकारी के मुताबिक कुचामन पशुपालन विभाग के उपनिदेशक कार्यालय क्षेत्र की तहसीलों में लाखों की संख्या में पशुधन है। वहीं विभाग के सामने बांझपन की बीमारी से संबंधित मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि कृत्रिम गर्भाधान पर विभाग की ओर से जोर दिया जा रहा है। लेकिन अन्य कारणों से भी बांझपन की बीमारी बढ़ रही है। विभाग के चिकित्सकों के अनुसार पशुओं में बांझपन व प्रजनन संबंधी रोग उत्पन्न हो जाते हैं। इससे पशु ब्याने से वंचित रह जाता है। इसके कई कारण है। इनमें शारीरिक (एनाटोमिकल) संरचनात्मक विकार जन्मजात पशुधन में पाना, आनुवंशिकीय, संक्रामक रोग एवं पशु पोषण भी शामिल है। वहीं कुछ जानकारों का मानना है कि पशुधन को हरा चारा संतुलित आहार व खनिज लवण का मिश्रण आवश्यक रूप से खिलाना चाहिए। संतुलित आहार में 300 से 500 ग्राम मैथी मिलाकर (पशु के भार के अनुसार) दिया जा सकता है।