नहीं मिलता पर्याप्त बजट
अधिकारियों के अनुसार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को पल्स पोलियो की दवा पिलाने के लिए पर्याप्त बजट नहीं मिलता है। ऐसे में आंगनबाड़ीकर्मियों को पारिश्रमिक देने में दिक्कत जाती है। बजट थोड़ा ज्यादा आ जाए तो पारिश्रमिक अच्छा दिया जा सकता है। विभाग की ओर से जिन आंगनबाड़ी कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है, उन्हें 100 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से पारिश्रमिक दिया जाता है। वहीं जिनका सहयोग लिया जाता है। उन्हें 75 रुपए के हिसाब से राशि वितरित की जाती है।
अधिकारियों के अनुसार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को पल्स पोलियो की दवा पिलाने के लिए पर्याप्त बजट नहीं मिलता है। ऐसे में आंगनबाड़ीकर्मियों को पारिश्रमिक देने में दिक्कत जाती है। बजट थोड़ा ज्यादा आ जाए तो पारिश्रमिक अच्छा दिया जा सकता है। विभाग की ओर से जिन आंगनबाड़ी कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है, उन्हें 100 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से पारिश्रमिक दिया जाता है। वहीं जिनका सहयोग लिया जाता है। उन्हें 75 रुपए के हिसाब से राशि वितरित की जाती है।
इनका कहना है
यदि कहीं आंगनबाड़ीकर्मी पल्स पोलिया अभियान में ड्यूटी लगाई जाती है तो उन्हें पारिश्रमिक दिया जाता है। हालांकि बजट की कमी के चलते कम ही पारिश्रमिक उन्हें मिल पाता है। फरवरी के पहले सप्ताह में पोलियो की दवा पिलाई जानी थी, लेकिन अभी कार्यक्रम स्थगित हो गया है।
– डॉ. मोतीराज चौधरी, ब्लॉक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, कुचामनसिटी
यदि कहीं आंगनबाड़ीकर्मी पल्स पोलिया अभियान में ड्यूटी लगाई जाती है तो उन्हें पारिश्रमिक दिया जाता है। हालांकि बजट की कमी के चलते कम ही पारिश्रमिक उन्हें मिल पाता है। फरवरी के पहले सप्ताह में पोलियो की दवा पिलाई जानी थी, लेकिन अभी कार्यक्रम स्थगित हो गया है।
– डॉ. मोतीराज चौधरी, ब्लॉक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, कुचामनसिटी