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कुचामन शहर

खून-पसीने की कमाई दबाए बैठा राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम

कार्मिकों को मेहरबानी का इंतजार, बरसों से अटका हुआ भुगतान

कुचामन शहरJan 27, 2019 / 04:25 pm

Kamlesh Kumar Meena

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कुचामनसिटी. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के घाटे का खामियाजा कर्मचारियों को भी भुगतना पड़ रहा है। जी हां हम बात कर रहे हैं चालक-परिचालकों की ओर से ड्यूटी के अलावा किए जाने वाले ओवरटाइम के पारिश्रमिक का। इस खून-पसीने के पारिश्रमिक को राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम लंबे समय से दबाए हुए हैं। यूं तो कर्मचारियों की ड्यूटी आठ घंटे से ज्यादा नहीं बनती, लेकिन रोडवेज के चालक-परिचालकों से इससे अधिक कार्य करवाया जा रहा है। कर्मचारी संगठन तो इसे शोषण की संज्ञा भी दे रहे हैं। लेकिन रोडवेज मुख्यालय की ओर से इस बारे में कोई पहल नहीं की जा रही है ताकि रोडवेजकर्मियों को कोई राहत मिल सके। पत्रिका ने मामले की पड़ताल की तो चौंकाने वाली स्थिति सामने आई। कर्मचारियों को लंबे समय से ओवरटाइम ड्यूटी की राशि नहीं मिलने की बात सामने आई। कई कर्मचारियों की तो अप्रेल 1998 से ओवरटाइम का भुगतान अटका हुआ है। किसी कर्मचारी के पांच लाख का भुगतान अटका हुआ है तो किसी के छह लाख तथा इससे अधिक का। वहीं कर्मचारियों का कहना है कि उनसे ड्यूटी तो काफी हार्ड ली जा रही है, लेकिन ओवरटाइम की राशि नहीं दी जा रही है। नई भर्ती भी नहीं की जा रही है। इससे कर्मचारियों की कमी के कारण दूसरे कर्मचारियों को ड्यूटी देनी पड़ रही है। ड्यूटी भी निर्धारित से काफी ज्यादा। सूत्रों की माने तो कुछ चालक-परिचालकों से तो 10-15 घंटे की ड्यूटी ली जा रही है। गौरतलब है कि ओवरटाइम की राशि वैसे प्रतिमाह मिलनी चाहिए, लेकिन इसकी पालना नहीं हो रही है। इससे कार्मिकों में रोष व्याप्त है। कई कर्मचारियों को तो ओवरटाइम ड्यूटी का भुगतान सेवानिवृत्ति के बाद भी नहीं हुआ है। इधर, रोडवेजकर्मी लम्बे से ओवरटाइम ड्यूटी की राशि का भुगतान करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन आर्थिक तंगी इसमें बाधा बन रही है।
रियायती दर का भी पड़ रहा असर
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम विभिन्न श्रेणी के यात्रियों को नि:शुल्क या रियायती दर पर यात्रा करवाता है। इस छूट का सरकार समय पर भुगतान नहीं करती। ऐसे में रोडवेज को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। यदि रोडवेज की ओर से बसों में रियायत को थोड़ा कम कर दिया जाए तो ज्यादा दिक्कत नहीं आए।
इनका कहना है
रोडवेज कर्मचारियों को ओवरटाइम ड्यूटी की एवज में राशि का भुगतान होता है। लेकिन राशि लंबे समय से अटकी हुई। कर्मचारियों को राशि मिलनी चाहिए, लेकिन यह ऊपरी स्तर का मामला है।
– द्वारकाप्रसाद सोनी, स्थान प्रभारी, राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम, कुचामनसिटी

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