scriptनंदकिशोर मिश्रा और शंभू चौधरी के सपा में शामिल होने से बदला राजनीतिक समीकरण, बीजेपी की बढ़ी परेशानी | Brahaman Leader Nand Kishor Mishra and Shambhu Chaudhary Joined SP | Patrika News
कुशीनगर

नंदकिशोर मिश्रा और शंभू चौधरी के सपा में शामिल होने से बदला राजनीतिक समीकरण, बीजेपी की बढ़ी परेशानी

समीकरण साधने में सभी दलों से आगे निकली सपा

कुशीनगरJan 12, 2018 / 10:41 pm

Akhilesh Tripathi

Nand Kishor Mishra and Shambhu Chaudhary

नंदकिशोर मिश्रा और शंभू चौधरी

अवधेश मल्ल

कुशीनगर. दो पूर्व विधायकों को पार्टी में शामिल कराकर चुनावी समीकरण को साधने में सपा अन्य दलों से आगे निकल गई है। सपा के इस मास्टर स्ट्रोक से जिले के राजनैतिक समीकरण में उलट- पुलट होने के पूरे आसार बन गए हैं। जातीय गणित को लेकर चली गई समाजवादी पार्टी की चाल लोकसभा चुनाव में भाजपा के सामने कठिनाई पैदा कर सकती है।
बता दें कि गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा के पूर्व विधायक नंदकिशोर मिश्रा तथा नौरंगिया (अब खड्डा) से भाजपा के विधायक रह चुके शंभू चौधरी को अपने पाले में खींचते हुए सपा की सदस्यता दिला दी। नंदकिशोर मिश्रा सेवरही (अब तमकुहीराज) से भाजपा के विधायक रह चुके हैं। संघ की विचारधारा से लैस नंदकिशोर मिश्रा सांगठनिक क्षमता के धनी होने के साथ-साथ ब्राह्मणों में गहरी पैठ रखते हैं और ब्राह्मण भी उन्हें अपना नेता मानते हैं।
सपा के पास कुशीनगर में ब्राह्मण चेहरा के रूप में पूर्व मंत्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी पहले से मौजूद जरूर हैं लेकिन कुशीनगर विधानसभा से बाहर उनकी ब्राह्मणों में बहुत पकड़ नहीं मानी जाती है। नंदकिशोर मिश्रा के सपा में शामिल हो जाने के बाद ब्राह्मण बिरादरी में सपा की पकड़ बेहद मजबूत हो जाने के आसार हैं, इसके विपरीत भाजपा में कहने के लिए कई ब्राह्मण नेता है। कुशीनगर से भाजपा सांसद राजेश पांडेय खुद ब्राह्मण हैं लेकिन ब्राह्मण बिरादरी में एेसी पैठ किसी की भी नहीं हैं, जिसके कहने पर लोग पार्टी लाइन को किनारे कर उनके पीछे हो ले,. जबकि भाजपा से बागवत कर निर्दल चुनाव लड़ने के बावजूद नंदकिशोर मिश्रा 23423 पाने में सफल रहे, अधिकतर ब्राह्मण भाजपा से किनारा कस लिया था और यही तमकुहीराज विधानसभा सीट से भाजपा के हार की वजह बनी।
नौरंगिया (अब खड्डा) विधान सभा से भाजपा विधायक रहे शंभू चौधरी ने अपनी राजनीति की शुरूआत योगी आदित्यनाथ की हिंदू युवा वाहिनी से की और वह नौरंगिया विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर विधायक चुन लिए गए। योगी आदित्यनाथ की नाराजगी के चलते भाजपा से टिकट नहीं मिलने के कारण वह 2012 में रामकोला विधानसभा सीट से निर्दल चुनाव लड़े और अच्छा- खासा वोट बटोर में सफल रहे। 2012 के चुनाव के बाद वह बसपा में शामिल हो गए, शंभू चौधरी खरवार जाति से ताल्लूक रखते हैं।
अनुसूचित जाति की श्रेणी में आने वाली खरवार जाति के शंभू चौधरी जिले में एकमात्र ऐसे नेता हैं जो विधायक बने हैं। नतीजतन खरवार जाति के लोग निर्विवाद रूप से उन्हें अपना अगुआ मानते हैं। जिले में इस बिरादरी की भी संख्या लाखों में है और कभी भी यह जाति सपा के साथ नहीं रही हैं, शंभू चौधरी के सपा में शामिल होने के बाद स्वाभाविक रूप से खरवार बिरादरी सपा के साथ जुट सकती है।

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