मिली जानकारी के मुताबिक,बिहार में पूर्ण शराब बंदी के बाद तस्करों का एक संगठित गिरोह बिहार में शराब की मांग को पूरा करने में जुट गया। हरियाणा, दिल्ली, पंजाब आदि प्रदेशो से तस्करी के जरिये शराब लाकर बिहार में आपूर्ति करना शुरू कर दिया है.पांच से दस गुना मुनाफा होने के चलते तस्करों के लिए अंग्रेजी व देशी शराब की तस्करी सोने का अंडा देने वाली मुर्गी बन गई है. कुशीनगर पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद तस्कर अपनी गतिविधियां जारी रखे हुए है. एसपी यमुना प्रसाद ने कुशीनगर पुलिस कप्तान की कुर्सी संभालने के बाद शराब तस्करों के नेटवर्क पर प्रहार करना शुरू कर दिया ।
शुक्रवार की देर रात को मुखबीर के जरिए पुलिस कप्तान को सूचना मिली कि हरियाणा प्रांत से अंग्रेजी शराब की एक बड़ी खेप बिहार जाने वाली है. तरयासुजान थाने के भगवानपुर के पास शुक्रवार की देर रात को पुलिस ने एक कंटेनर को घेर लिया . तलाशी लेने पर केवल हरियाणा में बेचने के लिए वैध रॉयल स्टैग की 445 पेटियां कंटेनर से बरामद हो गई. पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद के मुताबिक , इस बरामदगी में तरयासुजान की पुलिस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.तरयासुजान थाना पुलिस ने कंटेनर पर सवार आसीफ, इरफान व जय कुमार सहित तीन लोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है . पुलिस की अब तक के पुछताछ में किसी डीडी नाम के व्यक्ति की भूमिका सामने आई है. हिरासत में लिए गए तीनों का रोल कैरियर से ज्यादा नहीं जान पड़ रही है।
पुलिस अधीक्षक के मुताबिक, बरामद शराब की कीमत लगभग 50 लाख रुपये है। दो दिन के भीतर कुशीनगर के रास्ते हरियाणा से बिहार भेजी जा रही करीब 70 लाख रुपये की शराब को बरामद कर तस्करों को जिले की पुलिस ने गहरी चोट पहुंचाई है. इससे पहले भी लाखों लीटर स्प्रीट पुलिस ने बरामद की है. इन बरामदगियों पर गौर करे तो एक सवाल अपने आप सामने आ जाता है कि आखिर कई जिलों को पार करते हुए शराब व स्प्रीट की बड़ी- बड़ी खेप एक प्रदेश से दुसरे प्रदेश तक कैसे पहुंच जा रही है?