बैंक कर्मचारियों की मिली भगत पर सवाल
निघासन थाना क्षेत्र के ग्राम लखाही निवासी हरिओम श्रीवास्तव व उनके पत्नी के एटीएम से एक ठग ने 30299 रुपए निकाल लिए। हरिओम ने बताया कि उनके ससुर भगवान स्वरूप का खाता एसबीआई ढखेरवा चौराहे पर है। दो महीने पहले हरिओम अपने ससुर का खाता ब्लाक कराने के लिए बैंक गए थे और फार्म भरकर आए थे। ससुर के खाते में हरिओम का ही मोबाइल नंबर लगा हुआ था। रविवार को उनके पास 9102540228 नंबर से एक फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को सौरभ और एसबीआई लखनऊ का कर्मचारी बताया। उसने कहा कि आप ने भगवान स्वरूप नामके किसी व्यक्ति के एटीएम से संबंधित एक आवेदन किया था। उस संबंध में अग्रिम कार्रवाई करनी है। उसने कहा कि इसके लिए हरिओम को अपने किसी अन्य एटीएम कार्ड की डीटेल देनी होगी।
हरिओम ने उसे अपना एटीएम कार्ड का नंबर व पासवर्ड बताया। कुछ देर बाद एक वेरीफिकेशन कोड आया और उसकी जानकारी भी उन्होंने फोन करने वाले कथित सौरभ को दी। कुछ देर बाद एक मैसेज आया कि उनके खाते से चार हजार रुपए कट गए हैं। जब हरिओम ने फोन किया तो कथित सौरभ ने बताया कि यह पैसे वापस आ जाएंगे। इसके बाद उनके मोबाइल पर पांच-छह बार वेरीफिकेशन कोड आता रहा और वह फोन करने वाले कथित सौरभ को यह जानकारी देते रहे। ठग ने उनके खाते से 28999 रुपए पार कर दिए। ठग ने फिर से फोन किया। उसने बताया कि खाते से काटे गए पैसे उनके अकाउंट में तभी पहुंचेेंगे जब वह कोई और एटीएम का नंबर उन्हें बताएंगे। साथ ही चेतावनी दी कि यदि एटीएम नंबर नहीं बताया तो यह पैसे भी चले जाएंगे। तब हरिओम ने उन्हें अपनी पत्नी के एटीएम का नंबर भी बता दिया। इसके बाद फिर मैसेज आया और उसमें से भी दो हजार रुपए काट लिए गए। पैसे ठगने के बाद एक और काल आई। कथित सौरभ ने बताया कि एक एटीएम नंबर और चाहिए। कोई और एटीएम नंबर न होने के चलते उन्होंने असमर्थता जताई। जिस पर ठग ने कहा कि आपके खाते में जल्द ही पैसा पहुंच जाएगा। पूरी तरह लुटने के बाद पीड़ित हरिओम ने इसकी जानकारी अपने बेटे को दी। जब बेटे ने आए हुए नंबर पर काल की तो काल जाने के बाद फोन नहीं उठा और फिर स्विच आफ हो गया। पीडि़त परिवार पैसे वापस पाने के लिए अब पुलिस व अधिकारियों से फरियाद करने में लगा है।
पुलिस ने कहा अब कुछ नहीं हो सकता
हरिओम के बेटे आयुष श्रीवास्तव ने कहा कि जब पिता ने पैसे ठग लिए जाने की जानकारी उसे दी तो उसने तुरंत सदर कोतवाली पुलिस से सम्पर्क किया। कोतवाली पुलिस ने कहा कि पैसे तो चले गए पर अब कुछ नहीं हो सकता। तहरीर देनी हो तो दे दो। उन्होंने कहा कि अब किसी भी तरह से ठग को पकड़ा नहीं जा सकता है।
बैंक कर्मचारी लीक कर रहे सूचनाएं
ठगी के इस मामले ने बैंक कर्मचारियों को भी शक के घेरे में खड़ा कर दिया। आवेदन की जानकारी ठग तक कैसे पहुंच गई यह सबसे बड़ा चौकाने वाला सवाल है। जाहिर सी बात है कि ऐसी जानकारियां बैंक से संबंधित ही कर्मचारियों द्वारा लीक की जाती हैं जिसके बाद ठग खाताधारकों को निशाना बनाते हैं।
ऐसे पहुंच सकती है ठग तक पुलिस
बैंक से संबंधित एक कर्मचारी ने बताया कि ठग तक पहुंचा जा सकता है, बशर्ते पुलिस और बैंक प्रशासन सहयोग करें। उन्होंने बताया कि ठग ने पैसे या फर्जी एटीएम से और या इंटरनेट ट्रांजेक्शन से निकाले होंगे। पहले सिम से संबंधित व्यक्ति का नाम पता लगाया जाना चाहिए। इसके बाद पैसे को किस तरीके से निकाला गया है उसका पता करना चाहिए। एटीएम से निकालने पर ठग को फोटो और ट्रांजेक्शन करने पर संबंधित खाते का विवरण या आन लाइन शापिंग किए जाने पर मोबाइल का आईपी एड्रेस निकाल कर संबंधित तक पहुंचा जा सकता है।