घटना थाना खीरी क्षेत्र के ग्राम चाऊपुर की है। यहां के निवासी संतराम पाल का पुत्र अनुज पाल (14) गुरवार को चारा खांदने के बाद रात करीब आठ बजे गांव में घूमने के लिए निकला था, लेकिन लौटकर वापस घर नहीं आया। उसकी मां शांती देवी ने बताया कि अनुज देर रात तक घर नहीं पहुंचा, तो उसकी तलाश की गई, लेकिन कहीं पता नहीं चला।
शुक्रवार सुबह गांव के पूर्व प्रधान बाटू भार्गव ने बताया कि गांव के ही निवासी व्यापारी के खेत के निकट चकमार्ग पर एक शव पड़ा है। देख लो कहीं वह अनुज का तो नहीं है। इस पर संतराम सहित अन्य परिवारीजनों ने मौके पर जाकर देखा तो अनुज का खून से लथपथ शव पड़ा था। बांके से उसकी गर्दन व सिर पर कई वार किए गए थे। घटना स्थल से कुछ दूरी पर ग्लास, चप्पलें व डंडा पड़ा था। घटना के पीछे डेढ़ साल पूर्व हुए एक हत्याकांड की रंजिश का मामला सामने आया है। घटना में संतराम ने गांव के ही रमाकांत मौर्य, दारा सिंह मौर्य, विजय मौर्य पुत्र मुन्ना लाल मौर्य व इनके बहनोई जगसड़ निवासी अतर सिंह मौर्य और अमर सिंह मौर्य समेत छह लोगों के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी है।
उसने बताया कि 16 जून 2016 को रमाकांत माैर्य के भाई मुन्ना लाल माैर्य की इसी स्थान पर पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। इसमें मुन्ना लाल मौर्य की पत्नी फूल देवी ने चाऊपुर निवासी संतराम पाल, श्रीराम, अवधेश, जयराम सहित छह लोगों पर हत्या किए जाने का आरोप लगाया था, जिसमें दो लोग जेल में हैं। संतराम का आरोप है कि इसी हत्या कांड की साजिश में रामकांत व उसके परिजनों ने अनुज की हत्या कर दी थी।
पुलिस ने संतराम की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिये जिला मुख्यालय भेज दिया। वही पूरे मामले में एसओ खीरी अलोकमणि त्रिपाठी मामले की जांच शुरू कर दी गई है।जल्द ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होगा।
खीरी थाना क्षेत्र में घटी इस वारदात के बाद लोगो का पुलिस पर से विश्वास उठता जा रहा है। ऐसे मामलों में यदि पुलिस अपनी सूझ-बूझ के साथ दोनों पक्षों को बैठा कर सुलह-समझौता करवाने का प्रयास करे तो शायद ऐसी घटनाएं प्रकाश में न आये।