देवेन्द्र सिंह शास्त्री ने बताया कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महासचिव हरि गिरि 25 अक्टूबर को परिषद की बैठक करने जा रहे हैं। लेकिन इसमें न तो उदासीन संप्रदाय के तीनों अखाड़े शामिल होगें न ही बैरागी संप्रदाय के तीनों अखाड़े। जब तक सभी 13 अखाड़ों की सहमति नहीं बनेगी तब तक कोई बैठक नहीं होगी। दिवाली के बाद और माघ मेले के पहले अध्यक्ष पद का चुनाव होगा।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद उपाध्यक्ष, कार्यवाहक अध्यक्ष देवेंद्र सिंह शास्त्री ने कहा कि अखाड़ा परिषद में हरिद्वार कुम्भ से ही बैरागियों के तीनों अखाड़ों के बीच विवाद चल रहा है। इसके बाद उदासीन संप्रदाय के तीनों अखाड़ों ने अध्यक्ष पद को लेकर नाराजगी जताई है। सिर्फ शैव संयासी संप्रदाय के सभी अखाड़ों की सहमति से नहीं बन सकता है अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष, जब तक तीनों सम्प्रदाय के 13 अखाड़ों की सहमति होगी तभी अध्यक्ष चुना जाएगा।
देवेंद्र शास्त्री ने कहा कि बैरागी संप्रदाय, उदासीन संप्रदाय और शैव सन्यासी संप्रदाय ने अभी अध्यक्ष पद की दावेदारी की है। अभी तक शैव संप्रदाय से लगातार अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष बनाए गए हैं, इस बार बैरागी और उदासीन संप्रदाय से अध्यक्ष हो यही विवाद का विषय है।
संत देवेंद्र सिंह शास्त्री ने बताया कि अखाड़ों में तीन संप्रदाय हैं। जिसमें कुल 13 अखाड़े हैं। शैव संन्यासी संप्रदाय में कुल सात अखाड़े हैं। बैरागी संप्रदाय में तीन अखाड़े हैं। उदासीन संप्रदाय में भी तीन अखाड़े हैं। तीनों संप्रदाय के अखाड़ों में अलग-अलग ईष्ट देव की पूजा होती है।