ऑनलाइन इस तरह से कराएं बुकिंग दुधवा टाइगर रिजर्व में बुकिंग के लिए उप्र वन निगम ने यूपी इकोटूरिज्म की वेबसाइट उपलब्ध करा रखी है। इसी वेबसाइट पर इंटरनेशनल बर्ड फेस्टिवल का लिंक है। जहां से बुकिंग कराई जा सकती है। बुकिंग के लिए 20 कॉटेज मौजूद है। एक बेड वाले स्विस कॉटेज के लिए प्रति व्यक्ति प्रति दिन 7200 रुपए और 18 प्रतिशत जीएसटी (1296) रुपए का शुल्क देना होगा। जल्दी बुकिंग कराने पर कुछ छूट भी मिल सकती है। बुकिंग तीनों दिन की एक साथ हो सकेगी।
चाय से लेकर सफारी तक सब उसी में शामिल कॉटेज बुक कराने पर आपको सुबह की चाय, नाश्ता, लंच, डिनर, बेवरेज मिलेगा। साथ ही आप यहां होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों (थारू नृत्य) का भी आनंद उठा सकते हैं। यहां होने वाले सेमिनार और प्रदर्शनी भी आप देख सकेंगे। इसके अतिरिक्त बर्ड फेस्टिवल के तहत जंगल सफारी भी बुकिंग राशि में शामिल है।
मिलेगी हर तरह की सुविधा जंगल के निकट बन रहे इस विशाल फ्लोरिकन विलेज में मेहमानों और सैलानियों को हर तरह की सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है। आई विजन कंपनी के दुष्यंत कुमार ने बताया कि हर कॉटेज में दो बेड हैं, कुर्सियां लगाई गई हैं। इसमें एयर कंडीशनल भी होगा। बाथरूम की भी व्यवस्था है। पानी सप्लाई के लिए दो-दो हजार लीटर क्षमता की कुल छह टंकियां लगाई जाएंगी। पानी गर्म करने के लिए ब्वायलर है। सभी कॉटेज तैयार हो चुके हैं बस फिटिंग का
काम किया जा रहा है। यहां दो अलग-अलग फूड पार्क हैं। एक फूड पार्क मेहमानों के लिए होगा तो दूसरा उन सैलानियों के लिए जो 20 कॉटेज में बुकिंग करवाएंगे।
सभागार में होंगे कार्यक्रम रोजाना मेहमान बर्ड फेस्टिवल के लिए झादी ताल, बांकेताल जैसे वैटलैंड और तालाबों के आस पास जाएंगे, जहां पर उन्हें पक्षियों के दीदार हो सकेंगे। इन तीन दिनों में अलग-अलग कार्यक्रम भी होने हैं। जिसके लिए यहां सभागार बनाया जा रहा है। इससे लग कर पिक्चर गैलरी भी बनाई जाएगी। जहां पर दुधवा में पाए जाने वाले विभिन्न प्रजाति के पक्षियों की तस्वीरों का प्रदर्शन होना है। साथ ही उनके बारे में पूरी जानकारी भी दी जाएगी।
हाथियों से पूरी तरह मिलेगी सुरक्षा जिस जगह पर फ्लोरिकन विलेज बस रहा है वह इलाका जंगल से सटा है और यहां हाथियों की पहुंच भी आसानी से होती है। ऐसे में विलेज, उसके कॉटेज और यहां ठहरने वाले मेहमानों की सुरक्षा दांव पर थी। इसका उपाय करते हुए आयोजकों ने विलेज के चारों ओर दो फिट चौड़ी खाई खोदना शुरू कर दिया है। जेसीबी लगाकर खाई खुदवाई जा रही है। ताकि यहां तक हाथी न आने पाएं।