लखनऊ. लखीमपुर ( Lakhimpur ) मामले में सख्ती दिखाते हुए मुख्यमंत्री ( Deputy Chief Minister ) ने सीओ, एसओ और एक इंस्पेक्टर समेत तीन एसआई को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही उन्हाेंने आरोपियों पर गैंगेस्टर एक्ट और रासुका के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
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उप मुख्यमंत्री ( Deputy Chief Minister ) दिनेश शर्मा ने साेशल मीडिया पर चल रही अफवाहों काे सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि आरोपी निर्दलीय प्रत्याशी का समर्थक भाजपा समर्थक नहीं है। उन्होंने पंचायत चुनाव में सपा मुखिया का नाम लिए बगैर यह भी कहा कि पिछले चुनाव में सपा सरकार की गुंडई जगजाहिर थी। पिछली सरकार में ऐसा कोई चुनाव नहीं हुआ था, जिसमें लोगों की जानें नहीं गईं। सपा की गुंडई की आदत अभी गई नहीं है और वह पंचायत चुनाव में अराजकता की हदें पार कर रहे हैं। कहा कि, जब उनकी मनमानी नहीं हो पा रही है, तब कानून व्यवस्था संभाल रहे पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों पर गलत आरोप लगा रहे हैं। सपा के ही एक एमएलसी का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह खुद सपा की गुंडई को सर्टिफाइड कर रहे हैं। अराजकता फैलानों के खिलाफ होगी कार्रवाई उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार अपराध को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्य कर रही है। प्रदेश में किसी को भी अराजकता फैलाने की छूट नहीं दी गई है। चाहे वह किसी भी पार्टी का हो। बोले कि सीएम योगी ने सुबह ही उच्चाधिकारियों की बैठक में ब्लॉक प्रमुख निर्वाचन प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि किसी भी दशा में माहौल खराब करने की एक भी कोशिश स्वीकार नहीं की जाएगी।
भाजपा सरकार में जेल जाते हैं अपराधी उन्होंने यह भी कहा कि पिछले सवा चार साल में प्रदेश में जितने भी चुनाव हुए हैं, वह पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ हुए हैं। लोगों ने समाजवादी पार्टी की सरकार में गुंडई की चरम सीमा को देखा है। सत्ता से दूर जाने के बाद भी आज भी सपा नेता अपने हरकतों से बाज में नहीं आ रहे। सपा मुखिया को यह समझना चाहिए कि यह भाजपा सरकार है, जिसमें अराजकता, गुंडई और अपराधियों को संरक्षण देने के बजाय जेल की सलाखों में भेज दिया जाता है।