जानकारी के मुताबिक, कोतवाली पसगवां क्षेत्र के ग्राम सुनौआ निवासी रामप्रकाश सक्सेना के पुत्र अमित सक्सेना ने जो शिक्षित बेरोजगार था और नौकरी के लिये परेशान घूम रहा था। वर्ष 2017 में उसकी भेट लखनऊ के जानकीपुरम निवासी सतेन्द्र कुमार तिवारी व आशीष कुमार मिश्रा से हो गयी। इन दोनों ने अमित को सरकारी नौकरी दिलवाने के सब्जबाग दिखाए। जिसके झासे में वो फंस गया। जाल में फंसने पर इन दोनों ने उसे नौकरी लगने में दो लाख रुपयों का खर्च बताया कि दो लाख दो और तुरन्त ज्वाइनिंग लेटर लो। अमित इन पर राजी हो गया और वो इन दोनों को वर्ष 2017 में दो लाख रुपये दे दिये।
इन दोनों ने उसे ज्वाइनिंग लेटर दे दिया। जब वो ज्वाइनिंग लेटर लेकर पहुंचा तो वहां खुलासा हुआ कि वहां न कोई स्थान रिक्त है और न ही ये ज्वाइनिंग लेटर असली है। ज्वाइनिंग लेटर फर्जी है ये जानकर अमित के पैरो तले की धरती खिसक गयी और उसे ठगे जाने का एहसास हुआ तो उसने इन ठगों को तलाश कर अपने दो लाख रुपये वापस मांगे।
रुपये वापस करने के बजाए इन ठगों ने उसे जान से मार डालने की धमकी देकर भगा दिया कहा कि अगर दोबारा मांगे तो बुरा होगा। इन दोनों में से एक लखीमपुर में रहकर अपने को पत्रकार बताता है। अमित ने इन ठगों के विरूद्ध पसगवां कोतवाली से लेकर संत्री से मंत्री तक प्रार्थना पत्र दे-देकर, भेज-भेजकर न्याय की गुहार लगाई, लेकिन पुलिस ने उसका मुकदमा दर्ज नहीं किया। गत दिवस उसका सौभाग्य अच्छा था कि सीबीसीआईडी के एडीजी एसके माथुर पसगवंा कोतवाली के औचक निरीक्षण पर आ गये, जिसकी जानकारी होने पर अमित पसगवां पहुंच गया और रोके जाने के उपरान्त भी उसने अपनी दर्द भरी दास्तां माथुर को सुनाई। जिसको सुनकर उन्होंने तत्काल मुकदमा दर्ज करने का आदेश किया। जिस पर पसगवां कोतवाली में ठगी सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। प्रभारी निरीक्षक का कहना है कि शीघ्र ही नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी की जायेगी तथा न्याय एवं सुसंगत कार्रवाई की जायेगी।