कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में डीएम ने कहा कि बाढ़ से निपटने के लिए की गई व्यवस्थाओं के साथ-साथ अस्थाई तौर पर भी व्यवस्थाएं रखी जाए, जिससे आने वाली किसी भी समस्या से निपटने के लिए कोई क्विक एक्शन हो सके। वहीं जिला मुख्यालय सहित तहसील मुख्यालयों पर भी बाढ़ कंट्रोल रूम की स्थापना के लिए निर्देश दिए।
पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन तैयार करें :- डीएम ने अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड राजीव कुमार को निर्देशित किया कि बाढ़ से निपटने के लिए अब तक की गई तैयारियों का पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन तैयार किया जाए। समय-समय पर आवश्यकता अनुसार उसे अपडेट भी किया जाए। संभावित कटान प्रभावित क्षेत्रों की फोटोग्राफी एवं जियो टैगिंग की भी करवाई पूर्ण की जाये। इसी के साथ बाढ़ सुरक्षा समितियों का भी गठन किया जाये। डीएम ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित होने वाले गांवों में इंडिया मार्का नलों में वाटर की सैंपलिंग कराई जाये, ताकि जल की शुद्धता के संबंध में आवश्यक जानकारी के साथ ही तदनुसार कार्रवाई की जा सके।
पूरी कार्ययोजना तैयार :- बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एके चौधरी ने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए चिकित्सा विभाग के पूरी कार्ययोजना तैयार कर ली गई। औषधियों एवं उसके स्टाक की किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. टीके तिवारी ने बताया कि टीकाकरण की पूर्ण व्यवस्था है, बाढ़ से पूर्व ही चिन्हित स्थलों पर टीकाकरण का कार्य पूरा करा लिया जाएगा। बाढ़ से निपटने के लिए विभागीय 14 सचल वाहनों के साथ ही टीमों का गठन भी कर दिया गया है।
साफ सफाई व्यवस्था दुरुस्त कराने के निर्देश :- डीएम ने विद्युत आपूर्ति एवं दुर्घटनाओं की रोकथाम के संबंध में संबंधित को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बाढ़ से निपटने में सशस्त्र सीमा बल के स्ट्रीमरो एवं बाढ़ से बचाव के अन्य उपकरणों की भी मदद ली जाये। उन्होंने जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित किया कि पूर्व में बाढ़ ग्रस्त हुए गांव में युद्ध स्तर पर साफ सफाई व्यवस्था दुरुस्त करा ले, पेयजल आपूर्ति के साथ ही नाले-नालियों का अभियान चलाकर साफ सफाई कराएं। इसके अलावा डीएम ने नियंत्रण कक्ष, बांधो की सुरक्षा, अनुरक्षण एवं रखरखाव, संचार व्यवस्था नावोध्मोटर बोट की व्यवस्था, भवनों का अधिग्रहण, पेयजल आपूर्ति, विभागों के उपलब्ध संसाधन, राहत सामग्री वितरण सहित विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की।