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लखीमपुर खेरी

सस्ती चीनी बेचने से मिल को लगी करोड़ो की चपत

सस्ती चीनी बेचने से मिल को हो रहा करोड़ों का नुकसान

लखीमपुर खेरीJun 06, 2018 / 07:57 pm

Mahendra Pratap

sugar mill farmers

सस्ती चीनी बेचने से मिल को लगी करोड़ो की चपत

लखीमपुर खीरी. किसान सहकारी चीनी मिल संपूर्णानगर किसानों के गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर आर्थिक संकट से जूझ रही है। इसके बावजूद उत्तर प्रदेश चीनी मिल संघ लखनऊ के अधिकारी निजी और व्यापारियों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए 1 लाख 60 हजार क्विंटल चीनी 400 रुपये तक सस्ती बेचकर मिल को करोड़ों रुपए की चपत लगा दी है।
हुआ है लाखों का नुकसान

किसान सहकारी चीनी मिल संपूर्णानगर को उताधिक चीनी को बेचने का कार्य मिल के प्रधान प्रबंधक के जरिए उत्तर प्रदेश मिल संघ लखनऊ के अधिकारियों के निर्देश पर होता है। बताया जाता है कि पिछले दिनों चीनी का बाजार भाव 2700 से 2800 प्रति के स्तर पर थी। उसी बीच चीनी मिल के एक नंबर गोदाम की दीवार गिर गई। इससे लाखों का नुकसान हो गया। आरोप है कि चीनी को खपाने के बहाने और संघ के अधिकारी अपना निजी लाभ कमाने के लिए बड़े-बड़े व्यापारियों से सांठगांठ कर चीनी के निर्धारित भाव से कम रेट 2435 रुपए प्रति कुंटल के हिसाब से 1 लाख 60 हजार बोरी का सौदा कर चीनी मिल का डीओ भी कटवा दिया।
4 करोड़ का हुआ घाटा

इस प्रकार लाभ लगभग 300 से 400 प्रति कुंटल के हिसाब से चीन 3 से 4 करोड़ रुपए का मिल को घाटा होने का अनुमान लगाया जा रहा है। चीनी मिल किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान कराने में पहले से ही कराह रही थी। अब करोड़ों का घाटा होने से तत्काल गन्ना मूल्य भुगतान होने के आसार हो कम हो गए हैं।
कम रेट पर चीनी बेचने में 2 अधिकारी सस्पेंड

उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ लखनऊ के अधिकारियों द्वारा प्रदेश की सहकारी चीनी मिलों की चीनी कम रेट पर बेचने के आरोप में शासन ने दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ लखनऊ के अधिकारियों द्वारा कम रेट पर व्यापारियों से प्रदेश में कई चीनी मिलों की चीनी बेचने का सौदा 1-2 लाख नहीं बल्कि 18 लाख कुंतल चीनी बेचने का सौदा 19 व 21 मई 2018 को हुआ था। इसमें कई इसमें करीब 9 लाख कुंतल चीनी आढ़तियों ने मिलो से उठान कर ली थी। तब इनकी भनक मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को लगी।
अधिकारियों की मनमानी का नतीजा मिला करोड़ों का घाटा

संघ के प्रबंध निदेशक विमल कुमार दुबे को सीएम ने तलब कर पूछताछ की। उन्होंने कम रेट पर चीनी बिक्री की पुष्टि की इसके बाद संघ के महा प्रबंधक (बिक्री) मुश्ताक अली व उप प्रबंधक सर्वोदय बाजपेई को तलब किया गया। उनके स्पष्टीकरण असंतुष्ट होकर शासन ने दोनों को निलंबित कर दिया। आरोप है कि अधिकारियों की मनमानी से प्रदेश के सहकारी चीनी मिल को करीब 50 करोड़ रुपए से अधिक का घाटा हुआ। वहीं किसान गन्ना मूल्य भुगतान को आंदोलनरत है। जिससे सरकार की छवि खराब हो रही है। संपूर्णानगर क्षेत्र के किसानों ने उक्त मामले में सीएम से उच्च स्तरीय जांच कराने व दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
वहीं संपूर्णानगर चीनी मिल प्रधान प्रबंधक प्रताप नारायण ने बताया कि कम रेट पर कितनी चीनी की बिक्री हुई है। यह कागज पर देखने के बाद ही बताया जा सकता है। गोदाम नंबर 1 से चीनी के उठान के संबंध में बताया कि दो-चार दिन में पूरी चीनी का जब उठान हो जाएगा। इसके बाद जो शेष बचेगा, उसे दूसरे गोदाम में शिफ्ट करा दिया जाएगा। बरसात में चीनी खराब नहीं होगी। उन्होंने कम रेट में चीनी बिक्री पर अधिकारियों के निलंबन की पुष्टि भी हुई।

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