बाघों के देखरेख के लिए होगी गिनती
दुधवा नेशनल पार्क के डी डी महावीर कौजलगी ने बताया कि दुधवा नेशनल पार्क सहित खीरी के जंगलों में मौजूद बाघों की गणना अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए 250 कैमरे लगाए जा रहे हैं। इन कैमरों से फील्ड डायरेक्टर को मिले बागों के पदचिन्हों वाली जगहों पर लगाया जाएगा। इसके लिए फील्ड डायरेक्टरों का प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। इनके इमेज को डब्लूडब्लूएफ के विशेषज्ञ और दुधवा नेशनल पार्क निरीक्षण करेंगे। इसके बाद इसको राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के पास भेजा जाएगा। बाकी गणना पर मौजूद धरियों के आधार पर की जाएगी।
पार्क प्रशासन ने बताया कि बाघ की धारियां एक दूसरे से पूरी तरह से अलग होती हैं। ठीक उसी तरह जैसे हर इंसान के फिंगरप्रिंट अलग-अलग होते हैं। इन्हीं धरियों के आधार पर बाघों की पहचान की जा सकेगी। इससे गढ़ना के दौरान समस्या नहीं रहेगी। वैसे इससे पहले वर्ष 2015 में बाघों की संख्या 117 निकली थी। जिसमे दुधवा नेशनल पार्क में 28, किशनपुर में 36 और कर्तनिया घाट में दो दर्जन से अधिक बाघ निकले थे।
घरेलू जगहों पर बाघ की चहलकदमी
पिछले कई दिनों के गोला क्षेत्र में बाघ की चहलकदमी को लेकर क्षेत्र के लोग काफी दहशत में रहें। यही नहीं बाघ द्वारा कई लोगों को अपना शिकार भी बनाया गया। इसके बाद वन विभाग द्वारा खूनी बाघ को पकड़ने के लिये तरह-तरह के प्रयास किये गये। लेकिन सारे हथकंडे विफल साबित हुए। इतना ही नहीं बाघ को पकड़ने के लिये वन विभाग द्वारा कई जगह कैमरे भी लगाये थे। जिससे बाघ की लोकेशन मिल सके।