जानकारी के अनुसार थाना खीरी के एक गांव के निवासी छुन्नी सिंह को रेप के आरोप में जुलाई 2010 में जेल हुई थी। 7 जुलाई, 2016 को अदालत ने उसे दोषी ठहराया। अदालत ने सात साल की कैद और 5000 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। सजा पूरी होने के बाद भी वह जुर्माने की राशि जमा नहीं कर सका। इसी तरह सीतापुर जिले के हरगांव थाने की पुलिस ने क़स्बा हरगांव निवासी अजय शाह को चोरी के आरोप में जेल भेजा था। उसे तीन जनवरी को एक साल की कैद और 15 सौ रूपये अर्थदंड भुगतने की सजा हुई थी। सजा पूरी होने के बाद भी दोनों कैदी जमानत राशि नहीं जमा कर पा रहे थे। जिसके कारण दोनों अतिरिक्त सजा भुगत रहे थे। उत्तर प्रदेशीय अपराध निरोधक समिति से संबद्ध जिला अपराध कमेटी लखीमपुर-खीरी के प्रयास से समिति के चेयरमेन रमिंदर सिंह, प्रंतीय उपाध्यच्छ दीपक गुप्ता और माला श्रीवास्तव ने दोनों कैदियों का अर्थदंड जमा कराया। जिस पर शासन ने दोनों कैदियों को सोमवार की देर रात छोड़ने के आदेश जेल प्रशासन को दिए।
जेल प्रशासन ने 15 अगस्त की सुबह करीब 10 बजे दोनों कैदियों को रिहा कर दिया। जब दोनों कैदी जेल गेट के बाहर निकले तो वहा पहले से खड़े उनके परिवार वालों की खुशी का ठिकाना न रहा। उनकी आँखें ख़ुशी से छलछला आई। जेल अधीक्षक आरबी पटेल और जेलर ज्ञानप्रकाश ने दोनों कैदियों को बुराइयों से दूर रहने और बेहतर जीवन जीने के टिप्स दिए। जेल अधीक्षक आरबी पटेल ने बताया कि शासन के आदेश के बाद इन दोनों कैदियों को आजाद किया गया है।