मौसम ने ली करवट, आंधी और बारिश ने दी गर्मी से राहत, जानें आगे के दिनों का हाल
लखीमपुर खीरी. तपतपाती गर्मी और लू के थपेड़ों के बीच बुधवार को मौसम ने राहत का एहसास कराया। दक्षिण पश्चिम मानसून अब तेजी से सक्रिय हो गया है। इसका असर अब यूपी में देखने को मिलेगा। बुधवार को खीरी समेत उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में सुबह हल्कि बारिश और तेज हवाएं चलीं, जिससे कि गर्मी से राहत मिली। कई स्थानों पर धूल भरी आंधी हुई तो वहीं कुछ जगहों पर बारिश की बौछारें भी पड़ीं।
श्रावस्ती में भरा पानी लखनऊ, मैनपुरी और बरेली में मंगलवार देर रात के बाद मौसम में तब्दिली हुई। मध्यरात्रि से ही हल्की बूंदाबांदी शुरू हो गई, जो सुबह तक चलती रही। बारिश शुरू होते ही बिजली आपूर्ति भी ठप हो गई। बहराइच और गोंडा में आंधी और तेज बारिश से जनसीवन अस्तव्यस्त हो गया। कहीं पेड़ गिरे तो कहीं टीन के बने शेड गिर गए। सुबह काम पर निकले लोगों को तेज हवा और हल्कि बारिश के कारण पेरशानी का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग के अनुसार केरल में दक्षिण-पश्चिमी मानसून ने दस्तक दे दिया है। इसके बाद इसकी दिशा और रफ्तार आगे बढ़ने की स्थिति है। श्रावस्ती के इकौना नगर में जोरदार बारिश के बाद सड़कों पर पानी भर गया।
गुजरात में वायु का असर मौसम विभाक के मुताबिक अरब सागर में कम हवा के दबाव की स्थिति गहराने के कारण चक्रवाकी तूफान वायु गुजरात की ओर बढ़ रहा है। मौसम विभाग के जारी बुलेटिन के अनुसार, सुदूर समुद्र में हवा के कम दबाव का क्षेत्र तेजी से बनने के कारण ‘वायु’ के 13 जून को गुजरात के तटीय इलाकों पोरबंदर और कच्छ क्षेत्र में पहुंचने की संभावना।
गर्मी ने ली जान तेज हवा और हल्कि बारिश ने गर्मी से राहत जरूर दी लेकिन इससे पहले गर्मी ने उत्तर प्रदेश में अब तक 10 से ज्यादा की जान ले ली। अधिकतर जिलों में पारा 49 तक पहुंच गया। भीषण गर्मी से मची त्राही-त्राही ने लोगों की जान ले ली।
बलरामपुर में पानी का संकट भीषण गर्मी में बलरामपुर का एक तिहाई इलाका पानी की विकराल समस्या से जूझ रहा है। यहां पर बने जलाशय में जल संग्रहण क्षमता कम होने से पानी की अतिरिक्त कमी महसूस होती है। वहीं पहाड़ी नालों की सफाई न होने से नेपाल से आने वाला पानी बिखर जाता है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ होती है। जबकि ऊपरी इलाके सूखे ही रह जाते हैं।
गर्मी से पशु भी बेहाल प्रचंड गर्मी का असर इंसानों के साथ-साथ जानवरों पर भी पड़ रहा है। गर्मी के लागातार तल्ख हो रहे तेवर आफत बनते जा रहे हैं। लू के थपेड़े पशु पक्षियों के लिए भी परेशानी बन गए हैं। इसका कारण है तालाब पोखरों का सूखना। प्रशासनिक स्तर पर भी उनके लिए कोई अतिरिक्त व्यवस्था नहीं की गई है। खुले में घूमने वाले आवार छुट्टा जानवरों के पास पेड़ के नीचे आश्रय लेने के अलावा और कोई स्थल नहीं बचता। दूसरी ओर बिजली की कटौती ने भी परेशानी बढ़यी है। ग्रामीण क्षेत्रों में 10-12 तक बिजली कटौती गर्मी की परेशानी को बढ़ावा देती है। कहीं विद्युत तार टूट कर गिर रहे हैं तो कहीं ट्रांसफार्मर फुंक रहे हैं। यही नहीं विद्युत सब स्टेशनों तक पर आग लगने की आये दिन घटनाएं हो रही हैं। इन सबके चलते भी विद्युत आपूर्ति बाधित होती है। इसका खामियाजा भी भीषण गर्मी में लोगों को भुगतना पड़ रहा है।