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ललितपुर

मनरेगा में 45 दिन काम करने के बाद भी मजदूरी न मिलने से नाराज मजदूरों ने किया प्रदर्शन

गांव में सरकार द्वारा मजदूरों को रोजगार देने के उद्देश्य से मनरेगा योजना संचालित की जा रही है जिसके तहत बेरोजगार बेसहारा मजदूरों को रोजगार दिया जा रहा है, लेकिन कुछ ग्राम प्रधानों की मनमानी के चलते गांव की कई मजदूरों ने मनरेगा के तहत काम किया लेकिन उन्हें मजदूरी नहीं दी गई

ललितपुरJun 23, 2020 / 05:47 pm

Karishma Lalwani

मनरेगा में 45 दिन काम करने के बाद भी मजदूरी न मिलने से नाराज मजदूरों ने किया प्रदर्शन

मनरेगा में 45 दिन काम करने के बाद भी मजदूरी न मिलने से नाराज मजदूरों ने किया प्रदर्शन

ललितपुर. वर्तमान समय कोरोना वायरस से फेले संक्रमण के कारण महामारी का चल रहा है। जिस कारण व्यवसाई से लेकर मजदूर तक सभी बेरोजगार हो गए हैं। लेकिन अब गांव में सरकार द्वारा मजदूरों को रोजगार देने के उद्देश्य से मनरेगा योजना संचालित की जा रही है जिसके तहत बेरोजगार बेसहारा मजदूरों को रोजगार दिया जा रहा है, लेकिन कुछ ग्राम प्रधानों की मनमानी के चलते गांव की कई मजदूरों ने मनरेगा के तहत काम किया लेकिन उन्हें मजदूरी नहीं दी गई। जब मजदूर उनके घर मजदूरी के लिए गए तो उन्हें उल्टा गाली गलौज कर वहां से भगा दिया गया।
ग्राम प्रधान द्वारा गांव के लगभग आधा सैकड़ा से आदिम मजदूरों से मनरेगा के तहत 45 दिनों तक मजदूरी का कार्य कराया गया। जब मजदूर ग्राम प्रधान के घर मजदूरी मांगने के लिए पहुंचे तब ग्राम प्रधान और उसके परिजनों द्वारा उन्हें गाली गलौज कर वहां से भगा दिया गया। उनके खातों में 45 दिनों की मजदूरी जब नहीं पहुंची तब उन्होंने इकट्ठा होकर जिला अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे मजदूरों ने गांव के ग्राम प्रधान पर मनरेगा के तहत कराए जा रहे विकास कार्यं में भारी घोटाला करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। मजदूरों का आरोप है कि जो मजदूर उनके चहेते हैं और काम करने के लिए नहीं जाते उनके खातों में मनरेगा का पैसा भेजा जा रहा है और मनरेगा का कार्य मशीनों द्वारा कराया जा रहा है। जबकि हम लोग ग्राम प्रधान के कहे अनुसार 45 दिन मनरेगा का कार्य कर चुके हैं लेकिन हमारे खातों में अब तक पैसा नहीं भेजा गया जिससे हमारा परिवार भुखमरी की कगार पर आ खड़ा हुआ है। गांव से आए मजदूरों ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन किया एवं जिला अधिकारी को शिकायती पत्र देकर उक्त मामले में कड़ी कानूनी कार्यवाही कर मजदूरी दिलाये जाने की मांग उठाई है।
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