लोगों के चेहरों से मास्क गायब हैं, तो सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां जमकर उड़ाई जा रही हैं। इसके साथ ही सत्ताधारी दल के नेताओं द्वारा पंचायत चुनावों को लेकर निकाली जा रही रैलियों में भी महामारी के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। जबकि महामारी से ग्रसित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।
जिलाधिकारी ए दिनेश कुमार भी कोरोना पॉजिटिव निकले है और होम क्वॉरेंटाइन हैं। बाजारों के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों के हालत तो इतने खराब हैं कि जिला प्रशासन द्वारा रविवार को बंदी दिवस रखा गया है लेकिन दुकानदारों द्वारा बंदी दिवस पर भी अपनी दुकानों को खोलकर व्यवसाय किया जा रहा है।
इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग के पास ऐसे मरीजों और महामारी से ग्रसित होकर मृतकों का कोई आंकड़ा नहीं है जो जनपद के बाहर अपना इलाज करा रहे थे और वहीं पर उनकी मौत हो गई। जबकि यदि ऐसे मृतकों के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो यह स्थिति काफी भयावह हो सकती है। जनपद में ऐसी कई गुमनाम मौतें हुई है जो जनपद से बाहर इलाज करा रहे थे और उनकी वहीं पर मौत हो गई जिसके बारे में किसी को पता नहीं चला, हां उनके कुछ रिश्तेदारों या जानने वालों को ही उनकी मौत के बारे में पता था।