इसी तरह का एक और मामला थाना जखोरा के अंतर्गत ग्राम सतगता में भी सामने आया है जहां रामसिंह पुत्र अनरथ यादव ने थाना जखोरा में एक तहरीर देकर अवगत कराया कि उसी गॉंव के दबंग कल्लू, पप्पू पुत्रगण मल्थू, पूरन पुत्र प्रागी, नरेंद्र पुत्र जुजे अहिरवार ने उसकी जमीन में हदबंदी में जो चीरे जमीन में गाड़े थे, उन्हें उखाड़कर फेंक दिया तथा जब उसने उनकी इस बात का विरोध किया तो उन लोगों ने एक साथ होकर उसके साथ गाली गलौच की। पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेकर आरोपियों के खिलाफ 434, 504 धाराओं में मामला पंजिकृत कर विवेचना प्रारम्भ कर दी है।
जनपद में हर तरफ से शिकायतें मिल रही है कि दबंग कहीं जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं तो कहीं किसी के मकान पर। मगर पुलिस प्रशासन एवं जिला प्रशासन की निष्क्रियता के चलते उन पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही या फिर जांच का आश्वासन देकर पीड़ितों को चलता कर दिया जाता है। इससे छुब्ध होकर पीड़ित परिवार अपनी बात शासन तक पहुंचाने के लिए अनशन पर बैठ गया हैं।
ऐसा ही एक मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत नई बस्ती में सामने आया है, जहां रहने वाले दिनेश रैकवार का परिवार आज घंटाघर पर आमरण अनशन को बैठ गया। उनका आरोप है कि उनके पारिवारिक मकान पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है। पीड़ित दिनेश रैकवार का आरोप है कि यह मकान हमारे परिवार का है। हम इसमें निवास करते थे। मजदूरी करने के लिए हम उज्जैन चले गए तो दबंगों ने जबरदस्ती ताला तोड़कर कब्जा कर लिया। अब जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई कि हमारा परिवार स्टेशन पर रात गुजारने को मजबूर है। हमारे मकान पर हमारा कब्जा वापस दिलाया जाए। मौके पर पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें कार्यवाही का आश्वासन दिया व धरना प्रदर्शन बंद कराया।
अब देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस प्रशासन पर प्रदेश सरकार का फरमान असर करता है या नहीं, पुलिस तथा जिला प्रशासन द्वारा दबंगों से कब्जा हटवाने के लिए क्या कार्यवाही अमल में लाई जाती है।