संबंधित अधिकारियों द्वारा बताया गया है कि शासनादेश के अनुसार जो व्यक्ति सहकारी साधन समिति में सचिव के पद पर नियुक्त है। वह अपने किसी भी नजदीकी रिश्तेदार या अपने पुत्र आदि को गेहूं क्रय केंद्र का प्रभारी नहीं बना सकता। मगर जनपद ललितपुर में कई ऐसे गेहूं केंद्र हैं जहां पर सहकारी साधन समिति की पद पर कार्यरत सचिव ने अपने रिश्तेदार या अपने ही पुत्र को गेहूं क्रय केंद्र का प्रभारी नियुक्त कर दिया है जो खुलेआम शासनादेशों की धज्जियां उड़ा रहा है। शासनादेश यह भी है कि जिस किसी भी कर्मचारी की नियुक्ति हाल ही में हुई है उसे भी क्रय केंद्र प्रभारी नहीं बनाया जा सकता। मगर ब्लाक तालबेहट के एक गांव में ऐसा ही मामला सामने आया है जहां हाल ही में नियुक्त एक कर्मचारी को गेहूं क्रय केंद्र का प्रभारी नियुक्त कर दिया गया है जो शासन आदेश को ठेंगा दिखा रहा है।
जब पत्रिका की टीम ने इस मामले की पड़ताल की तो पता लगा कि मड़ावरा ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम गिदवाहा केंद्र पर सचिव यूनिस अली ने अपने पुत्र नईम खान को केंद्र प्रभारी बनाया है, ग्राम धोरीसागर में सचिव सुखदेव प्रसाद सुडेले ने अपने पुत्र सिद्धार्थ सुडेले व ग्राम गिरार में अपने भतीजे सुभम को केंद्र प्रभारी बनाया है। वहीं ग्राम रन गांव में सचिव उत्तम सिह राजपूत ने अपने पुत्र ब्रजपाल सिह राजपूत को केंद्र प्रभारी बनाया है। बार ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम बरोदा डांग में सचिव कमल किशोर बबेले ने अपने पुत्र निरपत को केंद्र प्रभारी बनाया है, ब्लॉक जखोरा के अंतर्गत ग्राम सिरसी में सचिव राज किशोर दुबे ने अपने ***** नंदकिशोर तिवारी को केंद्र प्रभारी बनाया है। इसके बावजूद जनपद में कई ऐसे केंद्र है जिनपर एक सिंडिकेट बनाकर कार्य किया जा रहा है और शासनादेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
इनका कहना है
इस मामले में जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। गहनता से जांच की जाएगी और अगर कोई दोषी पाया जाता तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही कर मामला दर्ज कराया जाएगा। उन्होंने तत्काल डिप्टी आरएमओ को फोन पर इस बात की सूचना दी और कार्यवाही के लिए कहा।