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ललितपुर

जब सैयां भये कोतवाल….. तो अब डर काहे का

बाप सचिव के पद पर और बेटे को बना दिया क्रय केंद्र प्रभारी, शासनादेश के खिलाफ चल रहा है गोलमाल।
 

ललितपुरMay 11, 2018 / 08:01 pm

Ashish Pandey

Father on Secretary post
ललितपुर. एक कहावत प्रचलित है की जब सैंया भए कोतवाल …… तो अब डर काहे का अर्थात जब घर का मुखिया ही कोतवाल के पद पर तैनात हो तब किसी का डर नहीं और यह कहावत सहकारी साधन समिति के सचिवों द्वारा बनाये गये गेहूं क्रय केंद्र प्रभारियों पर चरितार्थ होती दिख रही है। जी हां यह बिल्कुल सही है क्योंकि जनपद ललितपुर में कई गेहूं क्रय केंद्र ऐसे हैं जिन पर सहकारी साधन समिति में सचिव के पद पर तैनात कर्मचारियों द्वारा अपने ही बेटे या किसी रिश्तेदार को गेहूं क्रय केंद्र का प्रभारी बना दिया गया है। सुना तो यहां तक गया है कि जिस कर्मचारी की नियुक्ति हाल ही में दो-तीन महीने पहले हुई है उसको भी गेहूं क्रय केंद्र का प्रभारी बना दिया गया है। ऐसा नहीं है कि संबंधित विभाग यह जिला प्रशासन के अधिकारियों को इस बात की जानकारी नहीं है। बावजूद इसके ना तो ऐसे सचिवों पर कोई कार्यवाही हुई है और ना ही ऐसे गेहूं क्रय केंद्र प्रभारियों को निलंबित किया गया है।
जानकारी तो यहां तक मिली है कि सचिव अपने पुत्रों या रिश्तेदारों से मिलकर किसानों को चूना लगाने में लगे हुये हैं। किसानों का अनाज ज्यादा मात्रा में तोला जा रहा है या फिर उन से अवैध वसूली की जा रही है। ऐसे कई प्रमाण मिले हैं कि गेहूं क्रय केंद्रों पर किसानों का अनाज मानक से अधिक तोला जा रहा है और उनसे अवैध वसूली हो रही है कई गेहूं क्रय केंद्रों पर तो व्यापारियों का माल लिया जा रहा है।
शासनादेश के विपरीत हो रहा है कार्य
संबंधित अधिकारियों द्वारा बताया गया है कि शासनादेश के अनुसार जो व्यक्ति सहकारी साधन समिति में सचिव के पद पर नियुक्त है। वह अपने किसी भी नजदीकी रिश्तेदार या अपने पुत्र आदि को गेहूं क्रय केंद्र का प्रभारी नहीं बना सकता। मगर जनपद ललितपुर में कई ऐसे गेहूं केंद्र हैं जहां पर सहकारी साधन समिति की पद पर कार्यरत सचिव ने अपने रिश्तेदार या अपने ही पुत्र को गेहूं क्रय केंद्र का प्रभारी नियुक्त कर दिया है जो खुलेआम शासनादेशों की धज्जियां उड़ा रहा है। शासनादेश यह भी है कि जिस किसी भी कर्मचारी की नियुक्ति हाल ही में हुई है उसे भी क्रय केंद्र प्रभारी नहीं बनाया जा सकता। मगर ब्लाक तालबेहट के एक गांव में ऐसा ही मामला सामने आया है जहां हाल ही में नियुक्त एक कर्मचारी को गेहूं क्रय केंद्र का प्रभारी नियुक्त कर दिया गया है जो शासन आदेश को ठेंगा दिखा रहा है।
यह केंद्र है भ्रटाचार के दायरे में
जब पत्रिका की टीम ने इस मामले की पड़ताल की तो पता लगा कि मड़ावरा ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम गिदवाहा केंद्र पर सचिव यूनिस अली ने अपने पुत्र नईम खान को केंद्र प्रभारी बनाया है, ग्राम धोरीसागर में सचिव सुखदेव प्रसाद सुडेले ने अपने पुत्र सिद्धार्थ सुडेले व ग्राम गिरार में अपने भतीजे सुभम को केंद्र प्रभारी बनाया है। वहीं ग्राम रन गांव में सचिव उत्तम सिह राजपूत ने अपने पुत्र ब्रजपाल सिह राजपूत को केंद्र प्रभारी बनाया है। बार ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम बरोदा डांग में सचिव कमल किशोर बबेले ने अपने पुत्र निरपत को केंद्र प्रभारी बनाया है, ब्लॉक जखोरा के अंतर्गत ग्राम सिरसी में सचिव राज किशोर दुबे ने अपने ***** नंदकिशोर तिवारी को केंद्र प्रभारी बनाया है। इसके बावजूद जनपद में कई ऐसे केंद्र है जिनपर एक सिंडिकेट बनाकर कार्य किया जा रहा है और शासनादेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
निबन्धक अधिकारी को जानकारी होने के बाद भी बच रहे हैं कार्यवाही से

उपर्युक्त पूरे मामले में निबंधक अधिकारी ए आर अनूप द्विवेदी को जब इस बात की जानकारी दी गई तो उन्होंने यह कहकर मामला चलता कर दिया कि यहां तो भ्रष्टाचार कुछ भी नहीं है। अगर भ्रष्टाचार देखना है तो वेयर हाउस पर देखिए जहां कदम कदम पर पैसे लगते हैं। आप वहां का भ्रष्टाचार ठीक करवा दीजिए तब हम यहां की बात करेंगे। निबंधक अधिकारी अनूप द्विवेदी का कहना तो यहां तक था कि आपके द्वारा दिए गए साक्ष्य पर हम भरोसा नहीं करते हम जांच कराकर कार्यवाही कर सकते हैं। मगर सवाल इस बात का है कि जब निबंधक अधिकारी अनूप द्विवेदी के पास कोई सबूत ही नहीं है तो भला वह जांच किस बात की कराएंगे और दूसरा सवाल यह है कि क्या जांच अधिकारी कोई और विभाग का नियुक्त किया जाएगा या विभागीय अधिकारियों से जांच कराई जाएगी इस बात पर उन्होंने चुप्पी साध रखी थी। जिससे साफ जाहिर होता है कि निबंधक अधिकारी अनूप द्विवेदी कि इस मामले में खासी भूमिका रही है।
इनका कहना है
इस मामले में जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। गहनता से जांच की जाएगी और अगर कोई दोषी पाया जाता तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही कर मामला दर्ज कराया जाएगा। उन्होंने तत्काल डिप्टी आरएमओ को फोन पर इस बात की सूचना दी और कार्यवाही के लिए कहा।

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