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ललितपुर

पहली बड़ी गौशाला को शुरू करने की पहल, गौवंश को दिया जाएगा आसरा

कल्यानपुरा गौवंश आश्रय स्थल के समीपवर्ती 50 गावों के ग्राम प्रधानों की बैठक का आयोजन कल्यानपुरा गौवंश आश्रय स्थल पर किया गया।

ललितपुरApr 20, 2018 / 02:30 pm

आकांक्षा सिंह

lalitpur

ललितपुर. जिलाधिकारी ललितपुर की अध्यक्षता में कल्यानपुरा गौवंश आश्रय स्थल के समीपवर्ती 50 गावों के ग्राम प्रधानों की बैठक का आयोजन कल्यानपुरा गौवंश आश्रय स्थल पर किया गया। इस बैठक में कल्यानपुरा गौवंश आश्रय समिति की प्रबंधकारिणी समिति के सदस्य भी सम्मिलित थे। जिलाधिकारी ने इस अवसर पर उपस्थित ग्राम प्रधानों को बताया कि हमारा लक्ष्य अगले 15 दिनों के अन्दर लगभग 1000 गौवंश को इस आश्रय स्थल में आवासित कराना है। उन्होेंने कहा कि इस आश्रय स्थल के दो तिहाई हिस्से पर चारागाह विकसित किया जा रहा है परन्तु जब तक चारागाह पूर्णतः विकसित नहीं हो जाता तब तक यहां पर रहने वाले गौवंश के लिये चारे की व्यवस्था की जानी आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि ललितपुर शहर के आस-पास के बारात घरों से बचे हुये भोजन को आश्रय स्थल तक लाने के संबंध में बात हो चुकी है। इस सन्दर्भ में कुछ गौसेवक संगठन भी हमारी सहायता के लिये तैयार हैं। जिलाधिकारी ने भूसे की तत्कालीन व्यवस्था किये जाने के सन्दर्भ में उपस्थित प्रधानों से राय ली। प्रधानों ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि वर्तमान में अधिकांश क्षेत्र में गेहूं कटाई का कार्य पूरा हो चुका है। ऐसे में प्रत्येक गांव से गौवंश हेतु भूसा एकत्रित किया जायेगा और उसे कल्यानपुरा गौवंश आश्रय स्थल स्थित भूसा गोदाम तक पहुंचाया जायेगा। जिलाधिकारी ने खण्ड विकास अधिकारी विरधा को यह निर्देश दिया कि वे आस-पास के ग्राम प्रधानों से सम्पर्क कर भूसे की उपलब्धता सुनिश्चित करायें।

जिलाधिकारी ने समीपवर्ती गांवों के ग्राम प्रधानों को बताया कि यह गौवंश आश्रय स्थल आप सभी के सहयोग से निर्मित हुआ है और इसके क्रियान्वयन के लिये भी आपका सहयोग अपेक्षित है। चूंकि अन्ना गौवंश की समस्या आम जन से सम्बंधित है अतः इसका निराकरण भी आमजन के सहयोग से ही हो सकेगा। उन्होंने प्रधानों से अपील कि वे गांव में जाकर प्रत्येक परिवार से बात करें और उनसे भूसे के रूप में चारें का प्रबंध किये जाने में सहयोग लें। उन्होंने ग्राम प्रधानों को यह भी बताया कि हमारा गौवंश आश्रय स्थल गौशालाओं की तरह यातनागृह नहीं रहेगा बल्कि यहां गौवंश को प्राकृतिक माहौल में खुला रखा जायेगा। यहां रहने वाले अन्ना नर गौवंश का बधियाकरण किया जायेगा तथा थारपारकर एवं साहीवाल नस्ल के नर गौवंश से नस्ल सुधार का कार्य भी किया जायेगा। उन्होंने खण्ड विकास अधिकारी विरधा को निर्देशित किया कि आस-पास में जो भी खाई मिट्टी से भर गयी है उसे पुनः सुधारा जाये तथा यहां रखरखाव के लिये पांच आदमियों की व्यवस्था की जाये। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि वन विभाग एवं हार्टी कल्चर विभाग के अधिकारियों की एक बैठक आहूत कर गौवंश आश्रय स्थल पर वृक्षारोपण का कार्य कराना सुनिश्चित करें। इस अवसर पर जयप्रकाश तिवारी ग्राम प्रधान रजवारा ने 500 कुन्तल तथा रघुवीरशरण ग्राम प्रधान रमेशरा ने 100 कुन्तल प्रति वर्ष भूसा गौवंश आश्रय स्थल को देने का संकल्प लिया। अन्त में ग्राम प्रधान कल्यानपुरा ऊदल सिंह लोधी ने सबका आभार प्रकट किया। बैठक में उपजिलाधिकारी ललितपुर, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी विरधा सहित विभिन्न ग्रामों के ग्राम प्रधान उपस्थित थे।

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