ललितपुर. जनपद में बड़े पैमाने पर अवैध एवं नकली शराब का निर्माण किया जा रहा है। कबूतरों के डेरों के अलावा अनेक गांवों में भी शराब बनाई जा रही है। मुनाफे को देखते हुए अन्य लोग भी इस कार्य को अंजाम दे रहे हैं। अवैध कच्ची शराब के रूप में जनपद के कई गांव इसके नाम से भी जाने जाने लगे हैं। हालांकि, जनपद की पुलिस व आबकारी विभाग ने भले ही समय-समय पर कार्रवाई कर सैकड़ों लीटर कच्ची शराब बरामद किए हों लेकिन प्रभावी कार्रवाई कभी नहीं हो सकी।
यहां बनती है शराब जनपद में कबूतरा जाति के लोग चीरा, मऊमाफी, घटवार, ऐरावनी, रजौरा, पाली, तालबेहट, टकटकी, उगरपुर, धौर्रा व लडैयामार में निवास करते हैं। यहां धड़ल्ले से शराब बनाई जाती है। योजना के तहत शराब बेचने का जिम्मा महिलाएं व बच्चे संभालते हैं। पुरुष शराब बनाने का काम करते हैं। अवैध कारोबार से होने वाले लाभ के कारण कबूतरा जाति के लोग आर्थिक तौर पर मजबूत हो गए हैँ। खास बात यह है कि कबूतरा डेरों में रहने वाली शायद ही कोई महिला ऐसी हो, जिस पर आबकारी अधिनियम या पुलिस विभाग द्वारा मुकदमा पंजीकृत नहीं किया गया हो। जब कभी भी आबकारी विभाग या पुलिस द्वारा डेरों पर कार्रवाई की जाती है, तो वहां के सारे पुरुष फरार हो जाते हैँ। मौके पर केवल महिलाएं ही रहती हैं।
कच्ची शराब बरामद होने के बाद भी नहीं होती कार्रवाई कबूतरा डेरों पर हजारों लीटर कच्ची शराब बरामद होने के बाद भी आरोपियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हो पाती है। कच्ची शराब बनाने व बेचने के आरोप में आबकारी अधिनियम 60 के तहत कार्रवाई की जाती है। इस धारा के तहत मौके पर या थाना स्तर से ही जमानत हो जाती है। जबकि, नकली शराब बनाने के संदेह में आरोपियों पर आईपीसी की धारा 272 व 273 के तहत कार्रवाई की जाती है। इसमें आरोपी को जेल जाना पड़ता है। कई बार आबकारी विभाग द्वारा कच्ची शराब बनाने वालों पर आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। विभाग के अनुसार कोर्ट से जारी आर्डर में स्पष्ट लिखा गया कि शराब की जांच में मिथाइल एल्कोहल नहीं पाया गया है। इसमें एथाइल एल्कोहल था।
कई सरकारी ठेकों पर मिल रही नकली शराब जनपद के कई ठेके ऐसे हैं, जिन पर बड़े पैमाने पर नकली शराब मिलती है। जनपद में चीरा, मउ, दावनी, बुढ़वार, बार, मड़ावरा, छिपाई, रायपुर आदि गांवों में रोज सैकड़ों लीटर नकली शराब तैैयार की जाती है। इस शराब को कुछ सरकारी ठेकों पर भेजकर वहां से बेचा जाता है। सुबह से ही शराब की दुकानें खुल जाती हैं और ब्लैक में शराब बेची जाती है।
अवैध कच्ची शराब की बिक्री नहीं हुई बन्द ललितपुर से क्षेत्र और शहरी क्षेत्र के बाहर ऐसी कहीं चिन्हित स्थान आज भी है, जिन पर अवैध कच्ची शराब की बिक्री लगातार पिछले कई सालों से गोरी है। मंगल जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन आबकारी विभाग उन्नति स्थानों पर अवैध शराब की बिक्री बंद करवाने में नाकाम रहा है।