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मंत्री पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर फांसी के फंदे पर झूल गया सरकारी ड्राइवर

locationललितपुरPublished: Sep 08, 2020 11:20:01 am

Submitted by:

Mahendra Pratap

स्वास्थ्य विभाग में तैनात ड्राइवर ने आत्महत्या करने से पहले बनाया वीडियोमंत्री समेत कई लोगों का अपनी मौत का बताया जिम्मेदारवीडियो वायरल होने से राजनैतिक गलियारों में मचा हड़कम्पसेक्स रैकैट मामले में फंसाकर मकान के साथ लाखों रुपए हड़पने का भी लगाया आरोप

मंत्री पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर फांसी के फंदे पर झूल गया सरकारी ड्राइवर

मंत्री पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर फांसी के फंदे पर झूल गया सरकारी ड्राइवर

ललितपुर. स्वास्थ्य विभाग में तैनात ड्राइवर रामकुमार दुबे ने उत्पीड़न की वजह से अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस पूर्व ड्राइवर एक वीडियो बनाया, जिसमें भाजपा सरकार में श्रम सेवायोजन राज्य मंत्री समेत कई लोगों पर लाखों की नगदी और मकान हड़पने का आरोप लगाया और इस वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इस वीडियो के वायरल होने से उत्तर प्रदेश के राजनैतिक गलियारों हड़कम्प मच गया है।
पुलिस महकमे में भी हड़कंप मचा :- हाल ही में ताजा मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत मुहल्ला आजादपुरा का है। जहां पीड़ित ड्राइवर राजकुमार दुबे ने अपने मकान आजादपुरा में सुबह करीब 4 बजे फांसी के फंदे पर लटककर आत्महत्या कर ली। मृतक राजकुमार दुबे का शव घर में फांसी के फंदे पर लटकता हुआ पाया गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृतक के शव को अपने कब्जे में लेकर पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। जिसके बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें जनपद की राजनीतिक गलियारों के साथ-साथ पुलिस महकमे में भी हड़कंप मचा दिया।
वायरल वीडियो में मृतक राजकुमार दुबे ने बताया कि यह वीडियो वह आत्महत्या करने से पहले बना रहा है। जिसमें उसने बयान दिया कि वह सीएमओ ऑफिस में ड्राइवर के पद पर तैनात है। उसके साथ राजेंद्र सिंह यादव, पप्पू खान आलू वाले मंडी और जयंत सिंह उर्फ चंद्रपाल सिंह पुत्र शीतल सिंह परमार निवासी ग्राम सेरवास आदि ने उसे पहले तो सेक्स रैकिट में फंसाया। जिसके बाद सभी लोगों ने मिलकर दबाब बनाकर उससे उसका मकान और नगदी 20 लाख रुपए जबरन हड़प लिए। जब वह राज्यमंत्री मनोहर लाल पंथ उर्फ़ मन्नू कोरी के पास यह मामला लेकर गया तो उन्होंने इस मामले से बचाने के लिए उससे 20 लाख रुपए ले लिए और उसकी कोई मदद नहीं की। जिसकी वजह से वह एक साल जेल में रहा। जमानत पर छूटने के बाद जब वह आया तो बृजेश खरे एवं मनोज ने उससे पुनः 50 हजार रुपए मांगे, नहीं तो दोबारा जेल भिजवाने की धमकी दी। इस वीडियो में उसने यह भी बताया कि अब उसके पास कुछ नहीं बचा है और कई लोग उसे फिर से पैसे के लिए दबाव बना रहे हैं, जिससे परेशान होकर वह आत्महत्या कर रखा है। वीडियो में उसने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को संबोधित कर कार्यवाही करने की मांग उठाई।
बयान ठोस सबूत :- यह वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तब राजनीतिक गलियारों से लेकर अधिकारियों के दिलों में भी हड़कंप की स्थिति उत्पन्न हो गई। क्योंकि इस मामले में राज्यमंत्री का नाम लिया जा रहा है इसलिए कोई भी अधिकारी फिलहाल इस मामले में कोई कदम उठाने को तैयार नहीं है। जबकि कानून पीड़ित का मरने से पहले दिया गया बयान ठोस सबूत माना जाता है और उस पर ही कार्यवाही की जाती है।
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