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ललितपुर

नोटबंदी के एक साल, लोगों ने पूछा – कब आयेंगे अच्छे दिन

नोटबंदी के एक वर्ष पूरे होने पर हमने लोगों से उनकी राय जानने की कोशिश की।

ललितपुरNov 08, 2017 / 11:26 am

Laxmi Narayan

notebandi
ललितपुर. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा ने एक साल पहले नोटबंदी का ऐलान किया गया था। सरकार ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा की थी और कहा गया था कि इस नोटबंदी से अच्छे परिणाम आएंगे । भ्रष्टाचार पर अंकुश लगने और आतंकवाद रुकने के दावा किया गया था। इन सब दावों और वादों के बीच आम जनता को बेहद संकट के दौर से गुजरना पड़ा था। नोटबंदी के एक वर्ष पूरे होने पर हमने ललितपुर जनपद के लोगों से उनकी राय जानने की कोशिश की।
कॉफी हाउस चलाने वाले विजय जैन कहते हैं -‘नोटबंदी के बाद व्यापार में काफी परेशानियां आ रही है। व्यापार काफी हद तक प्रभावित हुआ है । आज भी नोटबंदी का असर बाजारों पर है। नोटबंदी से बाजारों में आज भी मंदी छाई है । छोटे व्यापारियों और मजदूरों को इस निर्णय से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था । नोटबंदी के कारण व्यापार में 50% तक की गिरावट आई है और मेरे हिसाब से नोटबंदी फेल है। ‘
बीएससी के छात्र सिद्धांत शर्मा कहते हैं – ‘नोटबंदी एक अच्छा फैसला थी । नोटबंदी से आतंकवाद और भ्रष्टाचार पर काफी हद तक अंकुश लगा है । नोटबंदी से लोगों को परेशानी हुई थी मगर इसके दूरगामी परिणाम बहुत अच्छे आएंगे। मेरे हिसाब से नोटबंदी पास है। ‘

कपड़ा व्यापारी सतीश चंद्र कहते हैं – ‘ नोटबंदी फेल है क्योंकि नोटबंदी से व्यापार पर काफी हद तक फर्क पड़ा है जो आज भी जारी है। नोटबंदी से निचले तबके के व्यापारियों और मजदूर वर्ग के लोगों पर ज्यादा असर पड़ा था । नोटबंदी में जहां मजदूर वर्ग काफी परेशान रहा तो छोटे व्यापारियों का व्यापार खत्म होने की कगार पर आ गया या कुछ लोगों का व्यापार खत्म ही हो गया। मेरे हिसाब से नोटबंदी फेल है।’
पान की दुकान चलाने वाले सुरेंद्र कुमार कहते हैं – ‘नोटबंदी पूरी तरह फेल है। नोटबंदी के समय मेरी दुकान पर ग्राहक नहीं आते थे और जो आते थे उनके पास पर्याप्त मात्रा में पैसे नहीं होते थे । मैं पान 10 रूपये का और गुटखा 5 रूपये का बेचता हूं। मेरी दुकानदारी पर काफी हद तक असर पड़ा था और मेरा परिवार भुखमरी की कगार पर आ खड़ा हुआ था।
इलेक्ट्रॉनिक्स व्यापारी विनोद कुमार जैन कहते हैं – ‘ मोदी जी ने टोटल गलत काम किया था। नोटबंदी के लिए उनकी कोई प्लानिंग नहीं थी । काले धन पर रोक लगाना, भ्रष्टाचार को रोकना और आतंकवाद पर लगाम लगाना उनके मुख्य उद्देश्य थे, जो आज तक पूरे नहीं हो पाए हैं। कालेधन पर लगाम लगाना था मगर कुछ बैंक मैनेजरो ने अपने स्वार्थ के लिए काले धन को सफेद धन में बदल दिया। ‘
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