मिली जानकारी के अनुसार ग्राम कचनोंदा कला निवासी श्रीमती पुष्पा गोकुल पाल अपने परिजनों के साथ शहर की हृदय स्थली घंटाघर पर अपने परिवार के साथ धरना प्रदर्शन अनशन पर बैठ गया क्योंकि उसने थाने में अपने घर में हुई चोरी की रिपोर्ट नामजद लोगों के खिलाफ की थी । लेकिन बानपुर थाना अध्यक्ष ने मामला संजीदगी से नहीं लिया और पीड़ित की कोई सुनवाई नहीं की । जिस कारण वह पुलिस की लचर कार्यप्रणाली के चलते घंटाघर पर अनशन पर बैठ गया। जहां उसने एक शिकायती पत्र पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार के नाम देकर मामले में कार्यवाही करने की मांग उठाई। इस मामले में पीड़ित दंपत्ति ने बताया कि हाल ही में उन्होंने अपनी बेटी की शादी संपन्न कराई जिसमें उनका काफी खर्चा हुआ और उस पर काफी कर्ज हो गया था जिसे चुकाने के लिए उसने अपने रिश्तेदारों से पैसों का इंतजाम किया था। कर्ज चुकाने के लिए वह अपने घर में 50 हजार रुपये रखे हुए थे एवं दंपत्ति के अपने सोने-चांदी के जेवर तथा बैंक पासबुक के साथ-साथ अन्य जरूरी दस्तावेज भी उसी के साथ रखे हुए थे।
जब वह अपने काम से कहीं गए हुए थे तभी गांव के ही संतोष पुत्र दयाली के साथ तिजु पुत्र पलटू के साथ उसके दो पुत्र फूलचन्द्र और घुमन आदि सेंध लगाकर उसके घर में घुस गए और घर में रखी बक्से के ताले तोड़कर उसमें में रखी नकदी 50 हजार रुपयों के साथ-साथ उसके सोने-चांदी के जेवरात बैंक की पासबुक और अन्य जरूरी दस्तावेज चुरा लें गए। उसे जब इस बात की जानकारी हुई और उसने थाना बानपुर में उक्त नामजद लोगों के खिलाफ शिकायती पत्र दिया तो पुलिस ने उनके खिलाफ मामला तो दर्ज नहीं किया बल्कि उल्टा ही उसे डांट डपट कर वहां से भगा दिया। जिसके बाद वह कार्यवाही ना होने से क्षुब्ध होकर धरना प्रदर्शन पर बैठा है।