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ललितपुर में पर्यटन की असीम संभावनाएं, साथ ही मशहूर हैं ये मंदिर

बुंदेलखंड क्षेत्र में किसी संख्या में जनपद को ऐतिहासिक और धार्मिक पर्यटन में पहला स्थान दिया जा सकता है

ललितपुरSep 17, 2018 / 08:04 pm

Mahendra Pratap

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ललितपुर में पर्यटन की असीम संभावनाएं, साथ ही मशहूर हैं ये मंदिर

ललितपुर. ललितपुर में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं और यहां के कई धार्मिक व पर्यटन क्षेत्र विश्व पटल के मानचित्र पर मौजूद है। यहां का ऐतिहासिक और धार्मिक पर्यटन के रूप में एक अलग ही महत्व है। बुंदेलखंड क्षेत्र में किसी संख्या में जनपद को ऐतिहासिक और धार्मिक पर्यटन में पहला स्थान दिया जा सकता है। पूरे जनपद की पर्यटन एवं ऐतिहासिक स्थलों का वर्णन एक साथ संभव नहीं है।
तहसील पाली में विंध्याचल पर्वत श्रंखला की गोद में यहां के पर्यटन एवं धार्मिक स्थल मौजूद हैं। तहसील पाली के मुख्यालय से लगभग 3 किलोमीटर दूर ऐतिहासिक धार्मिक मान्यताओं का स्थल नीलकंठेश्वर भगवान भोलेनाथ का मंदिर है। यह मंदिर पुरातत्व विभाग के अधीन है। यहां के पान की खेती भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में मशहूर है। तहसील पाली लगभग 10 किलोमीटर दूर ऐतिहासिक स्थल दुधई है, जहां पर चंदेलकालीन मंदिर आज भी बने हुये हैं। यहां पर दुधई का सूर्य मंदिर, शिव मंदिर एवं जैन मंदिर काफी मशहूर है जो पुरातत्व विभाग के अधीन है।
यहां से लगभग 3 किलोमीटर दूर घने जंगलों के बीच के प्राकृतिक सौंदर्य मनमोहक वातावरण आध्यात्मिक महत्व से परिपूर्ण स्थित नरसिंह भगवान का दिव्य एवं आलौकिक देव स्थान है। यहां पर भगवान नरसिंह के दिव्य स्वरुप का दर्शन कर मन प्रसन्नता से भर जाता है। यहां का प्राकृतिक दृश्य झरना, पहाड़, हरे भरे पेड़ पौधे, घना जंगल पर्यटकों का मन मोह लेते है। यहां से 22 किलोमीटर दूर बालाबेहट में उज्जैन अतिशय क्षेत्र तथा प्रवासन देवी का मंदिर बना हुआ है।
बालाबेहट में एक ऐसा खिलाड़ी है, जो वर्तमान में जीवन सिंह हालत में है। बालाबेहट कभी यहां के राजाओं की राजधानी में रही है। पाली से लगभग 10 किलोमीटर पश्चिम की तरफ ग्राम बंट के पास च्वयन आश्रम है, जहां पर एक मशहूर वाटरफॉल है। तहसील पाली के अंतर्गत जैन आस्था का केंद्र चांदपुर जहाजपुर तथा देवगढ़ जैसी धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल भी मौजूद हैं। देवगढ़ को विश्व के पर्यटन मानचित्र पर भी देखा जा सकता है। यहां के ग्राम बुधवारा के पास मादौन कपासी गांवों में सेंड स्टोन की खदानें हैं, जहां पर बहुत बड़े स्तर पर पत्थर का व्यवसाय किया जाता है। यह पूरे भारत में मशहूर है। तहसील पाली के अंतर्गत भगवान श्रीकृष्ण की स्थली रणछोड़ धाम एवं ऋषि मचकुंड की एक गुफा भी है। इसी तहसील के अंतर्गत आस्था का सबसे बड़ा केंद्र अमझरा घाटी भी है, जहां पर विंध्याचल पर्वत श्रंखला की गोद में हनुमान मंदिर बना हुआ है। स्वतंत्रता संग्राम में पाली के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी हुए हैं, जिन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में अपनी भागीदारी निभा कर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी होने का गौरव प्राप्त किया है।
कैसे पहुंचें यहां तक

तहसील पाली के धार्मिक और पर्यटन स्थलों तक पहुंचने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन ललितपुर है, जो दिल्ल- मुंबई रेल मार्ग पर भोपाल और झांसी के बीच स्थित है। जिला मुख्यालय राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा हुआ है। ललितपुर आने जाने के लिए बसों की अच्छी व्यवस्था है और यहां से टैक्सी या अपना कोई प्राइवेट साधन लेकर इन स्थानों का भ्रमण किया जा सकता है। हालांकि अभी इन पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर रात्रि विश्राम की संभावनाएं बहुत ही कम है, जिस कारण सुबह जाकर शाम को लौट कर जिला मुख्यालय पर आना पड़ता है। यह सभी पर्यटन स्थल जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी अलग-अलग स्थानों पर हैं। पाली तहसील जिला मुख्यालय से30 किमी की दूरी पर है।
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