ग्राम माताखेड़ा निवासी विधवा सीमा सहरिया अपने तीन मासूम बच्चों के साथ ग्राम अमउखेड़ा निवासी हरिराम यादव के खेत पर रखवाली का काम करती है। जब वह विगत रात्रि में हरिराम यादव के खेत पर अपने तीनों बच्चों के साथ रखवाली कर रही थी, वहीं बनी झोपड़ी में रात में अपने बच्चों के साथ सो गई। रात्रि करीब एक बजे घास फूस से बने झोपड़ी में अचानक आग भड़क उठी। चंद मिनटों में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। जब सीमा की नींद खुली तो उसने अपने बच्चों को बचाने का प्रयास किया इस प्रयास में वह स्वयं झुलस गई और वह अपने एक बच्चे को बचा सकी। आग के विकराल रूप को देखकर उसके सामने वह लाचार पड़ गई। झोपड़ी में लगी विकराल आग में उसका 2 वर्ष का बच्चा निखिल और 13 वर्ष की बच्ची कल्लो जलकर राख हो गई।
ग्राम प्रधान ने प्रशासन को दी सूचना
जब झोपड़ी से बाहर निकलकर वह चीखी चिल्लाई उसकी आवाज सुनकर आस-पास खेतों पर रह रहे लोगों ने आग को बुझाने का प्रयास भी किया, लेकिन जब तक आग पर काबू पाया तब तक दोनों बच्चों की जलकर मौत हो चुकी थी। ग्राम प्रधान रामेश्वर प्रसाद मिश्रा सूचना पाकर मौके पर पहुंची और तत्काल पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी सूचना दी। सूचना पर थाना जाखलौन पुलिस के साथ सदर एसडीएम एवं सीओ सदर केशव नाथ मौके पर पहुंचे और हालातों का जायजा लिया। पुलिस ने दोनों ही बच्चों के जले शवों को कब्जे में लेकर पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भिजवा दिया।
महिला को मदद का दिया आश्वासन
इस मामले में ग्राम प्रधान ने बताया कि विधवा औरत दूसरे के खेत पर रखवाली का काम कर रही थी कि रात्रि में अचानक झोपड़ी में आग भड़क उठी और उसमें उसके दो बच्चे जलकर राख हो गए। महिला विधवा की और मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करती थी। जब उन्हें सूचना प्राप्त हुई थी उन्होंने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को सूचना दी। जिस पर वह मौके पर पहुंची और हालातों का जायजा लेकर हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया।