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पतंजलि की सफलता के पीछे, 30 साल के इस नौजवान की है अहम भूमिका

locationनई दिल्लीPublished: Nov 06, 2017 06:06:37 pm

Submitted by:

manish ranjan

आपको जानकर आश्चर्य होगा की इसके पीछे 30 साल का एक नौजवान आदित्य पिट्टी का हाथ हैं।

Patanjali

नई दिल्ली। पतंजलि ग्रुप का एफएमसीजी सेक्टर आज किसी पहचान का मोहताज नहीं है। पतंजलि के सभी उत्पाद मार्केट मेंं दूसरी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। पतंजलि आयुर्वेद का राजस्व करीब 11 हजार करोड़ का हो चुका हैं। अगर आप पतंजलि के इस अभूतपूर्व सफलता के लिए योग गुरू बाबा रामदेव को जिम्मेदार मानते है, तो हो सकता है कि आप गलत हो। आपको जानकर आश्चर्य होगा की इसके पीछे 30 साल का एक नौजवान आदित्य पिट्टी का हाथ हैं। बाबा रामदेव और आदित्य पिट्टी की मुलाकात और पतंजलि के इस सुहाने दौर की कहानी काफी दिलचस्प हैं। पहनावें और जिंदगी के लिए बिल्कूल एक दूसरे से अलग सोच रखने वाले इन दोनो व्यक्तियों की मुलाकात हुई तो शायद उन्हे भी नहीं पता था की, एक दिन इन दोनों का साथ पतंजलि को बुलंदियों के आसमान पर पहुंचा देगा। 30 साल के आदित्य लंदन के किंग्स कॉलेज में पढ़े है और आज रामदेव के साथ मिलकर पतंजलि के एफएमसीजी कारोबार को अरबों का बना दिया हैं।


11 हजार करोड़ की कंपनी बनाया

आज पतंजलि देश की दिग्गज कंपनियों में से एक है, और मुख्य धारा के लगभग दो दर्जन एफएमसीजी प्रोडक्ट्स – शैम्पू, टूथपेस्ट और दूसरे पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स से लेकर कॉर्न फ्लेक्स और इंस्टैंट नूडल्स जैसे आधूनिक दौर के प्रोडक्ट्स तक बेच रही हैं। जो पतंजलि ग्रुप साल 2013 में मात्र 1,000 करोड़ रुपए का था, वो आज लगभग 11 हजार करोड़ रुपए के साथ कई बड़ी कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रहा है। इसी दौरान पतंजलि की सोल डिस्ट्रीब्यूटर पिट्टी गु्रप का रेवेन्यू भी 1,200 करोड़ रुपए का हो गया हैं।


महज तीन-चार मिनट में ओके हुआ था प्रस्ताव

आदित्य पिट्ट, पिट्टी ग्रुप के सीईओ है और उनके पिता बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को 9 सालों से जानते थे। आदित्य ने पतंजलि ग्रुप के समूचे ऑर्गेनाइज्ड चैनल प्रस्ताव को रामदेव ने महज तीन-चार मिनट में ही ओके कर दिया था। आदित्य इसके अलावा रियल एस्टेट का कारोबार, स्पिरिचुअल चैनल शुभ टीवी के मालिक होने के साथ-साथ फ्रोजेन योगर्टबे में मेजॉरिटी स्टेक भी रखते हैं।


राष्ट्रवादी प्रोडक्ट्स को बढ़ावा दिया

इसी पिट्टी ग्रुप के साथ पार्टनरशिप के बाद 1997 में एक छोटी फार्मेसी चलाने वाली पतंजलि आज बहुराष्ट्रीय कंपनियों का चुनौती दे रही है। तब पतंजलि अपने अपने प्रोडक्ट्स को आरोग्य केंद्र और चिकित्सालय के एक्सक्लूसिव नेटवर्क से बाहर भी बेचने का फैसला किया था। पतंजलि के मॉडर्न ट्रेड डिस्ट्रिब्यूटर पिट्टी ग्रुप ने उसके प्रॉडक्ट्स की इंडियन कन्जयूमर्स के बीच ऐसी सुपर मार्केट्स में सस्ती दरों पर मार्केटिंग करके राष्ट्रवाद के उभार को भुनाने में बहुत मदद की।


10,000 फ्रेंचाइजी बेस्ड स्टोर्स का है नेटवर्क

मुंबई में कंपनी की इस जनरल ट्रेड पार्टनर ने इसके लिए प्रोडक्ट्स की दूसरी कंपनियों के मुकाबले ज्यादा प्राकृतिक और ज्यादा स्वास्थ्यकर वाली छवि बनाई। इस समय कंपनी के पास 10,000 फ्रेंचाइजी बेस्ड स्टोर्स का नेटवर्क है और इसके प्रॉडक्ट्स सैकड़ों डिस्ट्रिब्यूटर्स के जरिए लगभग 10 लाख किराना स्टोर्स में बिक रहे हैं।


सब कुछ नहीं था आसान

इस तरह आदित्य पिट्टी ने रामदेव की चुनौती उठाकर अपनी क्षमता को साबित कर दिया। हालांकि उन्होंने शुरू में थोड़ा वक्त लिया लेकिन जल्द ही पतंजलि को बड़ी कंपनी में शुमार किया। पतंजलि के लिए सबकुछ आसान नहीं रहा, जिसके सामान ज्यादातर रेफरेंस पर बिकते थे। बाजार पर एमआरपी के हेवी डिस्काउंट के खेल को खत्म कर, पतंजलि ने अपने पूरे डिस्ट्रीब्यूशन चैनल पर जीरो डिस्काउंट की फिलॉस्फी अपनाई है।

 

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