बैंको के कंसोर्टियम ने दिया था लोन की मंजूरी
दरअसल ये दोनों उस कंसोर्टियम की सदस्य थी, जिन्होने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की कंपनी डायमंड फायरस्टार को बैंक लोन देने की मंजूरी दी थी। आपको बता दें कि, आरोप के मुताबिक कुल 31 बैंको ने गीतांजलि ग्रुप को करीब 5,280 करोड़ रुपए लोन के तौर पर दिया था। इस कंपनी की स्वामित्व नीरव मोदी के मामा मेहुल चौकसी के पास हैं। दिए गए लोन में आईसीआईसीआई बैंक के 405 करोड़ और एक्सिस बैंक की भी एक बड़ी राशि शामिल है। जांच एजेंसियों को इस बात का शक है कि नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने लगभग 400 शेल कंपनियां बनाई थी जिसके सभी निदेशक फर्जी थे। इन सभी कंपनियों का इस्तेमाल सारे पैसों विदेश पहुंचाने के लिए किया गया है। जांच एजेंसियों की खास नजर इन 400 में से 110 कंपनियों पर है जिनसे जुड़ी सभी जानकारी को इकठ्ठा किया जा रहा है। इन जानकारियों को इकठ्ठा करने के लिए रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) की भी मदद ली जा रही है।
इन्हे भी लिया गया हिरासत में
पीएनबी के एमडी सुनील मेहता को भी समन भेजा गया है, जिन्हें बुधवार को पूछताछ के लिए पेश किया जाएगा। इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने गीतांजलि ग्रुप के उपअध्यक्ष (ऑपरेशंस) विपुल चौतलिया को मुंबई एयरपोर्ट से हिरासत में लिया है। खबरों के अनुसार, सीबीआई ने उन्हें सिर्फ पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। इससे पहले भी रविवार को सीबीआई ने नीरव मोदी के दो कर्मचारियों को और एक ऑडिटर को गिरफ्तार किया था। गीतांजली ग्रुप के एक निदेशक को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। इस घोटाले में अब तक कुल 14 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनसे पूछताछ का दौर जारी है।
60 अस्तियां बेचने पर एनसीएलटी ने लगाई रोक
पंजाब नेशनल बैंक में लगभग 12 हजार करोड़ के इस घोटाले में कई जांच एजेंसिया जांच कर रही हैं। इसी बीच राष्ट्रीय कंपनी कानून प्राधिकरण (एनसीएलटी) ने लगभग 60 यूनिट्स को अपनी अस्तियां बेचने पर रोक लगा दिया है। इन इकाइयों में नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, अन्य व्यक्ति, कंपनियां और सीमित दायित्व वाली शेयर फर्म्स शामिल हैं। नीरव मोदी ने पीएनबी को खत लिखकर बता चुका है कि वो पीएनबी को पैसे नहीं लौटा सकता हैं।