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कॉर्पोरेट वर्ल्ड

इस कंपनी में नहीं है कोई बॉस, फिर भी चल रही है बिंदास

आंकड़ों के
मुताबिक करीब 300 कंपनियां अब तक बॉस सिस्टम को खत्म कर चुकी हैं, गिनती बढ़ रही
है

May 28, 2015 / 12:10 pm

अमनप्रीत कौर

Zappos

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सेन फ्रांसिस्को। किसी कंपनी को सुचारू रूप से चलाने के लिए बॉस की जरूरत होती है, इस बात को गलत साबित कर दिया है ऑनलाइन विपणन कंपनी जप्पोस ने। इस कंपनी ने पिछले साल अप्रेल में ही सभी प्रबंधकीय पद समाप्त कर कंपनी की बागडोर आम कर्मचारियों के हाथ में सौंप दी थी। यह ई-टेल कंपनी न केवल निरंतर बढ़ रही है, बल्कि उस कॉर्पोरेट चलन का भी हिस्सा है जहां यह माना जाता है कि अगर कर्मचारियों में वरिष्ठता और कनिष्ठता का वर्गीकरण खत्म कर दिया जाए तो वे बढ़ चढ़ कर काम में हिस्सा लेते हैं।

जप्पोस ने यह प्रयोग 2013 में कर्मचारियों के एक छोटे से समूह के साथ शुरू किया था। इसके बाद मुख्य कार्यकारी अधिकारी टोनी हसी ने सभी प्रबंधन पद समाप्त कर कंपनी की कमान 1500 कर्मचारियों के हाथ में छोड़ दी। कंपनी ने काम के आधार पर कर्मचारियों को अलग अलग वर्गो में बांटा और बैठकों के जरिए हर समूह को उनकी भूमिका, जवाबदेही और लक्ष्य बता दिए।

अब दुनियाभर में कई कंपनियां इस व्यवस्था को अपने यहां लागू करती नजर आ रही हैं। ब्रिटिश परामर्श कंपनी फ्यूचर कंसीडरेशंस के सह-संस्थापक मार्क यंग ने हाल ही एक बयान में कहा था कि उनकी कई बड़ी ग्राहक कंपनियां अपने कुछ समूहों के बीच निर्णय निर्माण प्रक्रिया को लागू करने का प्रयोग कर रही है। ब्रिटिश स्टोर शृंखला जॉन लेविस ने भी इसे अपना लिया है और 80 हजार कर्मचारियों के हाथ में क ंपनी की बागडोर थमा दी है। एक विदेशी अखबार के मुताबिक करीब 300 कंपनियां अब तक बॉस सिस्टम को खत्म कर चुकी हैं।

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