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गीतांजली जेम्स मामले में नया मोड़, ICICI बैंक की मांग के बाद ED की बढ़ी मुश्किल

locationनई दिल्लीPublished: Mar 08, 2019 02:24:38 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

इस मामले की सुनवाई कर रही अपीलेट ट्रिब्यूनल ने प्रवर्तन निदेशालय को गीतांजली ज्वेलर्स का भगौड़ा मालिक मेहुल चोकसी की संपत्ति जब्त करने पर रोक लगा दी है।
ट्रिब्यूनल ने कहा कि रिजॉल्युशन प्रक्रिया को बाधित नहीं किया जा सकता है।
गत 11 दिसंबर को प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट कोर्ट ने ईडी को संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया था।

Mehul Choksi

गीतांजली जेम्स मामले में नया मोड़, आईसीआईसीआई बैंक की मांग के बाद ईडी की बढ़ी मुश्किल

नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक में अब तक के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले का समय करीब एक साल से भी अधिक हो गया है। इस पूरे मामले में लगातार कई नए खुलासे होते आ रहे हैं। इस मामले की सुनवाई कर रही अपीलेट ट्रिब्यूनल ने प्रवर्तन निदेशालय को गीतांजली ज्वेलर्स का भगौड़ा मालिक मेहुल चोकसी की संपत्ति जब्त करने पर रोक लगा दी है। ट्रिब्यूनल ने यह रोक तब लगाई है जब आईसीआईसीआई बैंक ने कहा है कि इससे दिवालिया प्रक्रिया में बाधा आ रही है। ट्रिब्यूनल ने कहा कि रिजॉल्युशन प्रक्रिया को बाधित नहीं किया जा सकता है।


सिक्योरिटी राशि को लेकर नहीं की जा सकती है देरी

गत 11 दिसंबर को प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट कोर्ट ने ईडी को संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया था। इसमें मेहुल चोकसी की संपत्ति, बैंक खाते व ज्वेलरी जब्त करने का आदेश दिय गया था। ट्रिब्युनल के चेयरमैन जस्टिस मनमोहन सिंह ने कहा, “इस मामले में कई सालों तक ट्रायल चल सकता है। किसी को भी यह नहीं पता है कि अपराधी कब तक भारत लौटेंगे। ऐसे में सिक्योरिटी को लेकर जो राशि बकाया है, उसमें देरी नहीं की जा सकती है।” ट्रिब्यूनल द्वारा यह फैसला आईसीआईसीआई बैंक कें रिजॉल्युशन प्रोफेशनल विजय कुमार गर्ग के एप्लीकेशन के आधार पर लिया गया है।


आईसीआईसीआई बैंक को गिरवी रखी संपत्ति को जब्त करने का हक

गौरतलबल है कि पिछले साल 8 अक्टूबर को गीतांजली जेम्स को दिवालिया प्रक्रिया के लिए एडमिट किया गया था। इसके पहले नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल ने आईसीआईसीआई के उस मांग को मंजूरी दे दी थी जिसमें 6,000 करोड़ रुपए की रकम रिकवर करनी थी। इसके लिए आईसीआईसीआई बैंक ने पीएमएलए कोर्ट में प्रॉपर्टी से संबंधित जरूरी जानकारी पेश किया था। बैंक ने कहा है कि उसे गिरवी रखी हुई संपत्तियों को रिकवर करने का हक है। बैंक ने कहा कि ऐसे में यदि अंतरिम निर्देश नहीं दिया गया तो इससे हम अपने हक का लाभ नहीं ले पाएंगे।

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