एनसीएलएटी ने एरिक्सन से पूछ सवाल
उल्लेखनीय है कि गत फरवरी माह में आरकॉम ने national company law appellate tribunal ( एनसीएलएटी ) ने अपील दायर कर खुद के खिलाफ उस आवेदन पर स्टे लगाने को अनुरोध किया था, जिसे पिछले साल ही एनसीएलटी ने स्वीकार किया था। जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय की अगुवाई वाली दो जजों की बेंच ने सोमवार को कहा, “यदि हम दिवालिया प्रक्रिया को खारिज करते हैं तो आपको (एरिक्सन) पूरी रकम वापस आरकॉम ( Rcomm) को देनी होगी। आपको (एरिक्सन) ही रकम क्यों दी जाए जब वित्तीय क्रेडिटर्स को परेशानियों का सामना करना पड़े।”
दिवालिया प्रक्रिया रुकने के बाद संपत्तियों की बिक्री नहीं कर पाया था आरकॉम
उन्होंने कहा कि समझौते के तहत आरकॉम के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया को रोका गया था, जिसके मुताबिक कंपनियों की संपत्तियों की बिक्री नहीं हो पाई। कंपनी बीते कुछ समय से संपत्ति बेचकर अपना कर्ज चुकाना चाहती है। आरकॉम ने रिलायंस जियो को अपना वायरलेस एसेट्स बेचने का प्रयास किया था, लेकिन बाद में उसे अपने इस फैसले को रद्द करना पड़ा था, क्योंकि इसके लिए कंपनी को जरूरी मंजूरी नहीं मिल पाई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने जेल जाने की दी थी चेतावनी
एनसीएलएटी में इस मामले की अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होनी है। एरिक्सन को आरकॉम ने 550 करोड़ रुपए मूल व 26 करोड़ रुपए ब्याज के तौर पर चुकाया था। कुल मिलाकर आरकॉम को 576 करोड़ रुपए चुकाना पड़ा था। ऐसे में एरिक्सन पर अब अब उलटा 576 करोड़ रुपए वापस चुकाने का दबाव बनता हुआ दिखाई दे रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने अनिल अंबानी को साफ शब्दों में कहा था कि यदि आपकी कंपनी इस रकम को चुकाने में नाकाम रहती है तो आपको तीन महीने की जेल की सजा के लिए तैयार रहना होगा। आरकॉम द्वारा इस रकम को चुकाने के बाद ये खबरें आईं थी कि उनके बड़े भाई मुकेश अंबानी ने यह रकम चुकाने में मदद की है।
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