शेयरहोल्डर्स स्वतंत्र गवर्नेंस के पक्ष में
बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन प्रस्तावों में से एक यह भी होगा कि स्टॉकहोल्डर्स स्वतंत्र गवर्नेंस को लेकर अपना पक्ष रखें। अगर ऐसा होता है तो मार्क जकरबर्ग को फेसबुक के चेयरमैन पद से हटना पड़ा सकता है। उनकी जगह किसी स्वतंत्र एग्जीक्युटिव की नियुक्ति हो सकती है। पिछले साल जुलाई माह में ही कई कैम्ब्रिज एनालिटिका ( cambridge analytica ) स्कैंडल को सही तरीके से हैंडल न करने की वजह से शेयरधारकों ने उन्हे कंपनी की चेयरमैन पद से हटाने का प्रयास किया था।
जकरबर्ग के पास है विशेष वोटिंग पावर
फेसबुक ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा, “हमारा मानना है कि मौजूदा स्ट्रक्चर के तहत बोर्ड निदेशक बेहतरीन तरीके से काम कर रहे हैं। मौजूदा स्ट्रक्चर्स में कंपनी सुरक्षित हाथों में है। हम नहीं मानते हैं कि स्वतंत्र अगुवाई हमे सही दिशा में ले जाएगा और हम बेहतर परफार्म कर सकेंगे। इसके उलट, मैनेजमेंट को इस प्रस्ताव से काम करने में परेशािनयों को सामना करना पड़ सकता है।” साल 2017 में भी ऐसी खबरें सामने आईं थी लेकिन जकरबर्ग की वोटिंग पावर से बड़ा झटका लगा था।
आगामी वार्षिक बैठक में निवेशकों के पास मौका
जकरबर्ग के इसी पावर को देखते हुए निवेशका मौजूदा स्ट्रक्चर में बदलाव करना चाहते हैं। वार्षिक बैठक में निवेशकों के पास एक मौका है जिसमें वे अपने प्रस्ताव के माध्यम से क्लास बी शेयरहोल्डर्स को मिलने वाले अतिरिक्त पावर को खत्म कर सके। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि हम सभी शेयरधारकों से आग्रह करते है। कि वे प्रति शेयर एक वोट के लिए सभी बकाया स्टॉक के लिए पुनर्पूंजीकरण योजना के लिए अपना वोट दें। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि आखिर किस निवेशक ने यह प्रस्ताव दिया है।
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