रैनबेक्सी के पूर्व प्रमोटर्स पर लगा 2600 करोड़ रुपए का जुर्माना
जापानी कंपनी दाइची की याचिका पर सिंगापुर कोर्ट ने लगाया है 2600 करोड़ रुपए का जुर्माना
Malvinder and Shivinder Mohan Singh
नई दिल्ली। रैनबेक्सी के पूर्व प्रमोटर मालविंदर मोहन सिंह और शिवेंदर मोहन सिंह के खिलाफ जापानी कंपनी दाइची की याचिका पर सिंगापुर कोर्ट ने 2600 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन ने दोनों भाइयों पर अपना स्टेक बेचते वक्त जापान की दवा कंपनी दाइची सांक्यो से तथ्यों को छिपाने और उन्हें तोड़-मरोड़ कर पेश करने के लिए 400 मिलियन डॉलर का यह जुर्माना लगाया गया है। दोनों भाइयों ने वर्ष 2008 में जापानी कंपनी को अपना स्टेक 2.4 अरब डॉलर में बेचा था।
इसके बाद वर्ष 2013 में दाइची ने सिंगापुर में आर्बिट्रेशन केस किया था, जिसमें उन्होंने भारतीय प्रमोटरों पर तथ्यों को छिपाने और उन्हें गलत ढंग से पेश करने का आरोप लगाया था। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस को 500 मिलियन डॉलर का पेमेंट करने पर मजबूर होने से हुए घाटे के लिए जापानी कंपनी ने मुआवजे की मांग की थी। कंपनी पर आरोप था कि उसने अपनी दवाओं के टेस्ट रिजल्ट्स से छेड़छाड़ की ताकि उसे अमरीकी फूड एंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन का अप्रूवल मिल जाए।
आर्बिट्रेशन ऑर्डर मालविंदर मोहन सिंह के लिए बड़ा झटका है, हालांकि उनके छोटे भाई शिविंदर मोहन सिंह पहले ही ग्रुप कंपनियों के एग्जिक्यूटिव रोल से हट चुके हैं और राधा स्वामी सत्संग ब्यास से जुड़ गए हैं।
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