मनरेगा के ऊपर बढ़ रहा भरोसा
मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार देश के ग्रामीण लोगों का मनरेगा के ऊपर भरोसा बढ़ता ही जा रहा है। इसके साथ ही देश में पैदा हुए कृषि संकट के कारण भी लोगों ने मनरेगा की ओर कदम बढ़ाया है। इसके साथ ही देश मं पिछले कुछ समय से बेरोजगारी की समस्या भी बढ़ रही है, जिसके कारण ग्रामीण लोग इस ओर अपना कदम बढ़ा रहे हैं।
इकोनॉमी की रफ्तार में आई कमी
आपको बता दें कि एक गैर-सरकारी संगठन ‘मजदूर किसान शक्ति संगठन’ के संस्थापक सदस्य निखिल डे ने जानकारी देते हुए बताया कि इस समय देश की अर्थव्यव्स्था की रफ्तार काफी कम हो गई है, जिसके कारण युवाओं में रोजगार के अवसर भी कम हो गए है। इसी कारण लोगों में मनरेगा को लेकर भरोसा बढ़ रहा है।
1 करोड़ लोग करते थे काम
बता दें कि फाइनेंशियल ईयर 2013-14 में 18 से 30 वर्ष के युवाओं की संख्या 1 करोड़ से ज्यादा थी जोकि साल 2017-18 में घटकर 58.69 लाख पहुंच गई थी। वहीं, नवंबर 2016 में नोटबंदी और 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू होने के बाद से देश में मनरेगा में काम करने वाले युवाओं की संख्या में काफी तेजी आई है।
2019-19 में बढ़ी युवाओं की संख्या
वित्त वर्ष 2018-19 में मनरेगा में काम करने वाले युवाओं की संख्या बढ़कर 70.71 लाख हो गई। सरकार की ओर से जारी किए गए इस आंकड़े को देखकर पता चलता है कि मोदी सरकार के नोटबंदी और जीएसटी के फैसले के बाद से लोगों ने मनरेगा की ओर रुख करना शुरु कर दिया है। आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर माह तक मनरेगा के युवा कामगारों की संख्या 57.57 लाख हो गई है।