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जनवरी में ही खत्म हो जाता Jet airways का संकट, यह थी संस्थापक नरेश गोयल की प्लानिंग

जेटएयरवेज को 250 करोड़ रुपए का कोलेटरल लोन देने के लिए तैयार थी जेटएयर।
बीते कुछ सालों में अपने प्रॉपर्टीज को अनब्लॉक कर बनाया था 400 करोड़ रुपए।
वित्त वर्ष में जेट एयरवेज को हुआ था 78.7 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा।

नई दिल्लीApr 16, 2019 / 09:21 am

Ashutosh Verma

नई दिल्ली। जेट एयरवेज लिमिटेड ( Jet Airways Limited ) के संस्थापक नरेश गोयल ( naresh goyal ) को हाल ही में अपनी ही कंपनी की बोर्ड से बाहर होना पड़ा था। बैंकों को कर्ज और पट्टों पर लिए गए विमानों का भुगतान करने में विफल होने के बाद ही नरेश गोयल गत जनवरी माह में ही जेट एयरवेज की बिडिंग करने की प्लानिंग में थे। नियामकीय डॉक्युमेंट्स से इस संबंध में जानकारी प्राप्त हुई है। जेटएयर प्राइवेट लिमिटेड ( Jetair Pvt. Ltd. ) गोयल की ही कंपनी है जो जेटएयरवेज की जनरल सेल्स एजेंसी ( General Sales Agency ) है। जेटएयर इस विमान कंपनी को 250 करोड़ रुपए का कोलेटरल लोन देने के लिए तैयार थी। इसके साथ ही कंपनी जेट एयरवेज में निवेश के लिए भी तैयार थी।


यह था जेट एयरवेज के पास मुश्किल से निकलने का रास्ता

14 जनवरी को आम बैठक में ही इस संबंध में चर्चा हुई थी। इसमें कहा गया था कि एक बार जेट एयरवेज अपने रिजॉल्युशन प्लान को पूरा कर ले, फिर जेटएयर कंपनी में इक्विटी पार्टनर के तौर पर निवेश करेगी। इन डॉक्युमेंट्स में यह भी कहा गया है कि अक्टूबर 2018 में कंपनी ने यूपीएस जेटएयर एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड ( UPS Jetair Express Pvt. Ltd. ) में अपने निवेश को 245.5 करोड़ रुपए बेच दिया है। बीते कुछ सालों में कंपनी ने प्रॉपर्टीज में भी अपने निवेश को अनब्लॉक किया है। इसके अनुसार, कंपनी के पास करीब 400 करोड़ रुपए निवेश करने के लायक है, जो उसे बिजनेस प्रॉफिट और यूपीएस जेटएयर एक्सप्रेस के प्रॉपर्टी और शेयर्स बेचने से प्राप्त हुए हैं।


जेटएयर में किसकी हिस्सेदारी

गत शुक्रवार को जेटएयर ने उधारकर्ताओं से जेट एयरवेज को खरीदने के लिए अपनी बिड सबमिट की थी। जेटएयर को अमरीकी कंपनी डेलावेयर और लंदन की एक कंपनी ने भी साथ दिया था। गोयल के पास जेटएयर में कुल 50.6 फीसदी का स्टेक है, जिसमें उनके व्यक्तिगत शेयर्स 6.02 फीसदी है। वहीं, जेट एयरवेज की अन्य कंपनी को जिसका नाम नेशनल ट्रैवल सर्विस है, का 44.2 फीसदी स्टेक है। जेटएयर में अन्य स्टेकहोल्डर्स की बात करें तो इसमें प्रीति अग्रवाल (3.41 फीसदी), निर्मला गोयल (0.07 फीसदी) और अन्य तीन कंपनियां हैं।


वित्त वर्ष 18 में मुनाफे में रही थी जेट एयरवेज

वित्त वर्ष 2018 में जेट एयरवेज का नेट प्रॉफिट 22.49 करोड़ रुपए रहा था जबकि, रेवेन्यू 78.7 करोड़ रुपए रहा था। इसी अवधि में कंपनी के पास सरप्लस पूल की बात करें तो यह भी 149.84 करोड़ रुपए था। मार्च माह में, करीब दो दशक पहले नरेश गोयल ने जिस जेट एयरवेज की स्थापना की थी, उसी जेट एयरवेज की बोर्ड से उन्हें बाहर होना पड़ा था। फिलहाल कंपनी पर कुल 1 अरब डॉलर का कर्ज है, और कंपनी ने तो पट्टे पर लिए गए विमानों का भुगतान किया है और न ही बैंकों को। जनवरी माह से ही कंपनी अपने कुछ कर्मचारियों को वेतन भी नहीं दिया है, जिनमें पायलट, इंजिनियर और क्र मेंबर्स हैं।

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